गुआनाजुआटो में सेंट जॉन द बैपटिस्ट समारोह के दौरान भयानक गोलीबारी: 12 की मौत
गुआनाजुआटो में भयानक गोलीबारी
गुआनाजुआटो में गोलीबारी: मेक्सिको के गुआनाजुआटो राज्य में सेंट जॉन द बैपटिस्ट के सम्मान में आयोजित एक स्ट्रीट समारोह के दौरान अज्ञात बंदूकधारियों ने अंधाधुंध फायरिंग की। इस हमले में कम से कम 12 लोगों की जान चली गई और लगभग 20 अन्य घायल हुए। यह घटना मंगलवार रात इरापुआटो शहर में हुई, जब लोग नाच-गान और जश्न में व्यस्त थे।
सोशल मीडिया पर इस घटना का एक वीडियो तेजी से फैल रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि लोग एक हाउसिंग कॉम्प्लेक्स की खुली जगह पर संगीत पर थिरक रहे हैं, तभी अचानक गोलियों की आवाज सुनाई देती है और लोग चीखते हुए भागने लगते हैं। यह हमला क्षेत्र में बढ़ते अपराध और गैंगवार्स की गंभीर स्थिति को दर्शाता है।
समारोह के दौरान मची अफरातफरी
यह घटना उस समय हुई जब स्थानीय लोग पारंपरिक तरीके से सेंट जॉन द बैपटिस्ट के पर्व पर सामूहिक नृत्य कर रहे थे। अचानक गोलीबारी से माहौल में अफरातफरी मच गई। चश्मदीदों के अनुसार, हमलावर तेजी से फायरिंग करते हुए मौके से भाग गए।
इरापुआटो के एक अधिकारी रोडोल्फो गोमेज सर्वांतेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुष्टि की कि मृतकों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है, जबकि लगभग 20 लोग घायल हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर है।
राष्ट्रपति का बयान और जांच की घोषणा
घटना की निंदा करते हुए मेक्सिकन राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबौम ने कहा, "यह एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। जांच शुरू कर दी गई है।" सरकार ने हमलावरों की पहचान के लिए विशेष जांच दल का गठन किया है। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब गुआनाजुआटो राज्य में अपराध की दर बढ़ रही है।
गुआनाजुआटो में बढ़ते अपराध की स्थिति
गुआनाजुआटो राज्य, जो मेक्सिको सिटी के उत्तर-पश्चिम में स्थित है, हाल के वर्षों में देश का सबसे हिंसक राज्य बन गया है। यहां आपराधिक गिरोहों के बीच क्षेत्रीय वर्चस्व के लिए लगातार संघर्ष जारी है। इस साल के पहले पांच महीनों में राज्य में 1,435 हत्याएं दर्ज की गई हैं, जो किसी अन्य राज्य की तुलना में दोगुनी हैं।
पिछले महीने की घटना की पुनरावृत्ति
यह पहली बार नहीं है जब इस राज्य में सार्वजनिक आयोजन पर हमला हुआ है। पिछले महीने गुआनाजुआटो के सैन बार्टोलो डे बेरियोस में एक कैथोलिक धार्मिक आयोजन के दौरान गोलीबारी हुई थी, जिसमें 7 लोगों की जान गई थी। ये घटनाएं दर्शाती हैं कि सार्वजनिक स्थलों पर लोगों की सुरक्षा खतरे में है।