गुजरात में बच्चों की जान बचाने में सफल हुआ अस्पताल, सिक्के निगलने के मामले
गुजरात के गांधीनगर में बच्चों की जान बचाई गई
गांधीनगर: गुजरात के गांधीनगर सिविल अस्पताल के ईएनटी विभाग ने हाल ही में दो छोटे बच्चों की जान बचाई है। पिछले दस दिनों में, इस विभाग ने दो अलग-अलग मामलों में बच्चों के गले से सिक्के निकाले, जिन्हें उन्होंने अनजाने में निगल लिया था। वर्तमान में, दोनों बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
विभाग के प्रमुख, डॉ. योगेश गज्जर ने बताया कि पहले मामले में एक दो वर्षीय बच्चे को गले में तेज दर्द और उल्टी की समस्या के साथ अस्पताल लाया गया था। जांच के दौरान पता चला कि बच्चे की आहार नली में सिक्का फंसा हुआ है। यह स्थिति गंभीर थी, क्योंकि सिक्का श्वसन नली के करीब अटक गया था, जिससे सांस रुकने का खतरा था। हालांकि, डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेशन करके बच्चे की आहार नली से सावधानीपूर्वक सिक्का निकाल लिया।
दूसरे मामले में, साढ़े चार साल की एक बच्ची ने खेल-खेल में सिक्का निगल लिया था। कुछ समय बाद, उसे गले में दर्द और खाना निगलने में कठिनाई होने लगी। परिजन उसे सिविल अस्पताल ले गए, जहां ईएनटी विशेषज्ञों ने एक्स-रे द्वारा स्थिति की पुष्टि की। डॉक्टरों ने सावधानीपूर्वक बच्चे की आहार नली से सिक्का निकाला।
डॉ. गज्जर ने बताया कि इस तरह के मामले छोटे बच्चों में अक्सर देखने को मिलते हैं, खासकर जब उन्हें सिक्के, बटन या खिलौनों के छोटे हिस्से खेलने के लिए दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि माता-पिता को चाहिए कि वे छोटी वस्तुएं बच्चों की पहुंच से दूर रखें। तीन से पांच वर्ष की उम्र के बच्चों को वस्तुओं को मुंह में डालने की आदत होती है, जो कभी-कभी जानलेवा साबित हो सकती है।
अस्पताल प्रशासन ने दोनों मामलों में टीम की तत्परता की सराहना की और अभिभावकों को सलाह दी कि ऐसे मामलों में घरेलू उपायों पर निर्भर न रहें। यदि बच्चा कोई वस्तु निगल लेता है, तो तुरंत नजदीकी अस्पताल में पहुंचें, क्योंकि थोड़ी सी देरी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।