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गुजरात विमान दुर्घटना: एकमात्र जीवित बचे यात्री की कहानी

गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान दुर्घटना ने 241 यात्रियों की जान ले ली, लेकिन विश्वास कुमार रमेश चमत्कारिक रूप से बच गए। उन्होंने हादसे के बाद की दर्दनाक यादों को साझा किया, जिसमें आग, मलबा और अपने भाई की मृत्यु का दुख शामिल है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी अस्पताल में उनसे मुलाकात की। जानिए इस अद्भुत जीवित रहने की कहानी के बारे में।
 

दुखद विमानन हादसा

गुजरात विमान दुर्घटना: गुरुवार को अहमदाबाद में एक भयानक विमानन हादसे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। एयर इंडिया का एक विमान मेघानी नगर के निकट एक आवासीय इमारत से टकरा गया, जिसमें 242 यात्रियों में से 241 की जान चली गई। इस दुर्घटना में केवल एक व्यक्ति, विश्वास कुमार रमेश, चमत्कारिक रूप से बच गए। यह घटना भारत के सबसे गंभीर विमानन हादसों में से एक मानी जा रही है।


विश्वास कुमार रमेश का अनुभव

विश्वास कुमार रमेश, जो विमान की सीट 11A पर बैठे थे, ने हादसे के बाद की भयानक यादों को साझा किया। उन्होंने कहा, "जब मैंने अपनी आंखें खोलीं, तो चारों ओर आग, जलते हुए शव और मलबा था। मुझे विश्वास नहीं हुआ कि मैं जीवित हूं।" रमेश अपने भाई के साथ यात्रा कर रहे थे, जो इस त्रासदी में मारे गए 241 लोगों में से एक थे। उन्होंने बताया कि उड़ान भरने के कुछ ही क्षण बाद विमान में कुछ गड़बड़ महसूस हुई। "विमान ने गति तो पकड़ी, लेकिन ऊंचाई नहीं हासिल कर सका। अचानक हरी और सफेद लाइटें चमकने लगीं, और फिर विमान एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकरा गया।"


भाई की मृत्यु का दुख

विश्वास के भाई की हुई मौत

दुर्घटना के बाद विश्वास ने अपने चचेरे भाई अजय वल्गी को फोन किया, जो इंग्लैंड के लीसेस्टर में रहते हैं। अजय ने बताया, "विश्वास ने बस इतना कहा कि वह ठीक है।" उन्होंने आगे कहा कि विश्वास की पत्नी और उनका छोटा बेटा घर पर हैं। परिवार इस बात से राहत महसूस कर रहा है कि विश्वास सुरक्षित हैं, लेकिन उनके भाई की मृत्यु ने सभी को गहरे सदमे में डाल दिया है।


प्रधानमंत्री मोदी का दौरा

प्रधानमंत्री मोदी का दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दुर्घटना स्थल का दौरा किया और अस्पताल में विश्वास से मिले। अस्पताल के बिस्तर पर लेटे विश्वास ने कहा, "मैंने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि मैंने क्या देखा। उन्होंने मेरे स्वास्थ्य के बारे में भी पूछा।"


विश्वास की जीवित रहने की कहानी

अविश्वसनीय जीवित रहने की कहानी

विश्वास ने मेघानी नगर के पास हुए इस हादसे को याद करते हुए कहा, "मुझे यकीन नहीं हो रहा कि मैं कैसे ज़िंदा बच गया। एक पल के लिए मुझे लगा कि मैं भी मरने वाला हूं। लेकिन जब मैंने अपनी आंखें खोलीं और चारों ओर देखा, तो मुझे एहसास हुआ कि मैं ज़िंदा हूं।"