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गोंडा में परिवार हत्या का मामला: एक ही दिन में छह लोगों की जान गई

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में एक व्यक्ति ने दो किशोरों की हत्या करने के बाद अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ आत्मदाह कर लिया। इस घटना में कुल छह लोगों की जान गई, जिससे पूरे गांव में मातम और दहशत का माहौल है। घटना के पीछे के कारणों की जांच जारी है, जिसमें पारिवारिक कलह और मानसिक असंतुलन की संभावनाएं शामिल हैं। जानें इस भयावह घटना की पूरी कहानी।
 

गोंडा में भयावह हत्या की घटना

गोंडा परिवार हत्या मामला: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के रामगांव थाना क्षेत्र के टेपरहा ग्राम पंचायत के निंदूरपुरवा गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई है, जिसने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। बुधवार की सुबह, विजय कुमार नामक व्यक्ति ने पहले दो किशोरों की बेरहमी से हत्या की और फिर अपनी पत्नी और दो छोटी बेटियों के साथ एक कमरे में बंद होकर आग लगा ली। इस भयानक घटना में कुल छह लोगों की जान चली गई, जिससे पूरे गांव में शोक और आतंक का माहौल है।


मामूली विवाद ने लिया भयानक मोड़
घटना की शुरुआत तब हुई जब विजय कुमार ने गांव के तीन किशोरों, 12 वर्षीय सूरज यादव, 13 वर्षीय शनि वर्मा और 15 वर्षीय किशन को अपने घर बुलाया। वह एक किसान था और उसने किशोरों को लहसुन छीलने के लिए आमंत्रित किया था। कुछ समय बाद, उसने किशन को खेत में काम करने के लिए भेज दिया। जब सूरज और शनि ने घर लौटने की इच्छा जताई, तो विजय गुस्से में आ गया और धारदार हथियार से उनकी हत्या कर दी।


पत्नी और बेटियों के साथ कमरे में आग लगाई
इस दोहरे हत्याकांड के बाद विजय ने अपनी पत्नी और दो बेटियों, छह वर्षीय छोटकी और आठ वर्षीय प्रेरणा को एक कमरे में बंद कर दिया और उसमें आग लगा दी। कुछ ही समय में घर से धुआं और आग की लपटें उठने लगीं, जिससे गांव में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने दौड़कर घर की ओर भागे, लेकिन तब तक आग ने सब कुछ घेर लिया था और अंदर मौजूद लोगों को बचाने का कोई रास्ता नहीं बचा।


दर्दनाक दृश्य का सामना
ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस और दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची। घंटों की मेहनत के बाद जब आग पर काबू पाया गया, तो जो दृश्य सामने आया वह भयावह था। घर के आंगन में दो किशोरों के खून से सने शव पड़े थे, जबकि अंदर के कमरे में विजय, उसकी पत्नी और दोनों बेटियों के अधजले शव मिले। किशन, जिसे पहले ही खेत भेज दिया गया था, इस नरसंहार से बच गया और उसने पूरी घटना की जानकारी पुलिस को दी।


अधिकारियों की मौजूदगी
घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी जैसे जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी, पुलिस अधीक्षक आरएन सिंह, एसडीएम सदर पूजा चौधरी, एएसपी ग्रामीण डीपी तिवारी, सीओ डीके श्रीवास्तव और रामगांव थाने के प्रभारी मदनलाल मौके पर पहुंचे। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए और घर की बारीकी से जांच की। देवीपाटन मंडल के आईजी अमित पाठक ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया और पुलिस को गहन जांच के निर्देश दिए।


गांव में दहशत का माहौल
इस वीभत्स घटना के बाद निंदूरपुरवा गांव में सन्नाटा छा गया है। चार थानों की पुलिस और दो पीएसी कंपनियों को तैनात किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। पुलिस अभी तक इस कांड के पीछे के असली कारणों तक नहीं पहुंच सकी है, लेकिन प्रारंभिक जांच में पारिवारिक कलह, मानसिक असंतुलन या अचानक उपजे आक्रोश को संभावित वजह माना जा रहा है।