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ग्रीटा थुनबर्ग का इजरायल-गाजा संघर्ष पर साहसी कदम

स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रीटा थुनबर्ग ने इजरायल-गाजा संघर्ष में साहसिक कदम उठाते हुए एक फ्लोटिला जहाज पर सवार होकर गाजा के लिए सहायता भेजने का प्रयास किया है। उनका यह मिशन न केवल मानवीय सहायता का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाता है कि जब सरकारें चुप रहती हैं, तो आम लोग आवाज उठाते हैं। थुनबर्ग ने इजरायल की धमकियों को नजरअंदाज करते हुए मानवता के लिए अपने संघर्ष को जारी रखा है। जानें इस साहसी यात्रा के बारे में और कैसे यह वैश्विक एकजुटता का संदेश देती है।
 

ग्रीटा थुनबर्ग का साहसिक मिशन

ग्रीटा थुनबर्ग का इजरायल-गाजा युद्ध पर बयान: स्वीडिश जलवायु और राजनीतिक कार्यकर्ता ग्रीटा थुनबर्ग, जो गाजा के लिए सहायता लेकर एक फ्लोटिला जहाज पर सवार हैं, ने कहा कि उन्हें इजरायल से डर नहीं लगता। एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि यह मिशन गाजा के 20 लाख से अधिक निवासियों तक मानवीय सहायता पहुंचाने का प्रयास है। 


मानवता के लिए संघर्ष

समुद्र की लहरों पर सवार होकर ग्रीटा थुनबर्ग एक बार फिर इतिहास रचने को तैयार हैं, लेकिन इस बार जलवायु के मुद्दे से नहीं, बल्कि भूख और युद्ध के संकट से जूझने के लिए। तीसरी बार ब्लॉकेड तोड़ने की कोशिश में जुटी स्वीडिश एक्टिविस्ट ने इजरायली धमकियों को नजरअंदाज करते हुए कहा कि असली खतरा मानवता का अंत है। यह फ्लोटिला न केवल सहायता का पुल है, बल्कि यह एक साहसी कदम भी है, जो दर्शाता है कि जब सरकारें चुप रहती हैं, तो आम लोग आवाज उठाते हैं।


ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला

मानवता का अंतिम संघर्ष

ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला, जिसमें लगभग 50 नागरिक नावें शामिल हैं, गाजा के तट की ओर बढ़ रही हैं ताकि इजरायल की नौसेना की नाकाबंदी को तोड़ा जा सके। थुनबर्ग ने कहा, "मुझे इजरायल से डर नहीं लगता, बल्कि एक ऐसी दुनिया से डर लगता है जहां मानवता खो गई है।" उन्होंने यह भी कहा कि यह मिशन अस्तित्व में नहीं आना चाहिए था, लेकिन जब सभी रास्ते बंद हो जाते हैं, तो यह एकजुटता का प्रतीक बन जाता है। फ्लोटिला पर सवार सैकड़ों कार्यकर्ता गाजा के घिरे हुए लाखों लोगों के लिए दवाइयां, भोजन और आशा लेकर निकले हैं।


बढ़ते खतरे

बढ़ते खतरे और ड्रोन की छाया

गाजा के करीब पहुंचने के साथ ही खतरे बढ़ रहे हैं। थुनबर्ग ने बताया कि पिछले हफ्तों में ड्रोन हमलों ने कई नावों को नुकसान पहुंचाया है, जहां विस्फोटक और रसायन गिराए गए हैं। यह सब एक हताश कोशिश लगती है हमें डराने और फिलिस्तीन समर्थकों को चुप कराने की। फिर भी, कार्यकर्ता हार नहीं मान रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट का हवाला देते हुए थुनबर्ग ने इजरायल पर गाजा को व्यवस्थित रूप से भुखमरी की ओर धकेलने का आरोप लगाया।


इजरायल का खंडन

इजरायल का खंडन और अंतरराष्ट्रीय हलचल

हालांकि इजरायल ने इन आरोपों का खंडन किया है। उनका कहना है कि नाकाबंदी हमास तक हथियार पहुंचने से रोकने के लिए है। लेकिन यूरोपीय देश सक्रिय हो गए हैं। ग्रीस ने अपने जलक्षेत्र में सुरक्षित मार्ग की गारंटी दी है और इजरायल को सूचित किया है कि उसके नागरिक नावों पर सवार हैं। इटली और स्पेन ने भी नौसेना के जहाज भेजे हैं, जो फ्लोटिला को अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग में सहारा देंगे।


एक नई उम्मीद की लहर

एक नई उम्मीद की लहर

यह यात्रा केवल नावों का सफर नहीं है, बल्कि वैश्विक एकजुटता का संदेश है। थुनबर्ग की गाजा पहुंचने की यह तीसरी कोशिश है, जो बताती है कि हार मानना उनके शब्दकोश में नहीं है। ड्रोन की धमकी और आंतरिक कलह के बावजूद फ्लोटिला माल्टा पार कर चुका है और अब गाजा की ओर बढ़ रहा है। यह हमें सोचने पर मजबूर करता है कि जब तक मानवीय आवाजें दबाई जाती रहेंगी, तब तक ऐसे साहसी कदम ही बदलाव लाएंगे।