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ग्रेटर नोएडा में अवैध कॉलोनियों पर प्राधिकरण की सख्ती

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अवैध कॉलोनियों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे तब तक लोन न दें जब तक कि प्राधिकरण से स्वीकृत नक्शा और अनापत्ति प्रमाणपत्र न हो। यह कदम भूमाफियाओं की गतिविधियों को रोकने और नागरिकों को जागरूक करने के लिए उठाया गया है। प्राधिकरण ने जनता से अपील की है कि वे संपत्ति की खरीद से पहले उसकी वैधता की जांच अवश्य करें।
 

अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई की शुरुआत

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। प्राधिकरण ने सभी प्रमुख बैंकों के क्षेत्रीय प्रबंधकों को पत्र भेजकर निर्देशित किया है कि जब तक प्राधिकरण से स्वीकृत नक्शा और अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं प्रस्तुत किया जाता, तब तक इन कॉलोनियों में लोन न दिया जाए।


बिना अनुमति कॉलोनियों का विकास

तेजी से विकसित हो रही अवैध कॉलोनी


हाल के वर्षों में, अधिसूचित क्षेत्र के गांवों के आसपास बिना अनुमति के कॉलोनियों का निर्माण तेजी से बढ़ रहा है। भूमाफिया अक्सर बैंक से लोन स्वीकृति का सहारा लेकर लोगों को भ्रमित करते हैं, जिससे खरीदारों को लगता है कि उनकी संपत्ति वैध है।


एनपीसीएल और निबंधन विभाग की भूमिका

एनपीसीएल और निबंधन विभाग अलर्ट


प्राधिकरण ने नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) को पत्र भेजकर अवैध कॉलोनियों में बिजली कनेक्शन न देने का अनुरोध किया है। इसके अलावा, निबंधन विभाग को भी सूचित किया गया है कि कृषि भूमि पर आवासीय रजिस्ट्री न की जाए।


सख्त नियमों का पालन

264 गांव में सख्त नियम


ग्रेटर नोएडा के अधिसूचित क्षेत्र में कुल 264 गांव शामिल हैं। मास्टर प्लान के अनुसार, प्राधिकरण द्वारा ही सेक्टर विकसित किए जाते हैं। इन क्षेत्रों में बिना स्वीकृति किसी भी प्रकार का निर्माण अवैध है और इसके लिए दंडात्मक कार्रवाई की जाती है।


जनता से अपील

प्राधिकरण ने की अपील


ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने जनता से अपील की है कि किसी भी प्लॉट या फ्लैट की खरीद से पहले यह सुनिश्चित करें कि संबंधित संपत्ति प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत है। मानचित्र और अनापत्ति प्रमाणपत्र की जांच अवश्य करें ताकि भविष्य में किसी प्रकार की परेशानी से बचा जा सके।


महाप्रबंधक का बयान

क्या बोले महाप्रबंधक?


ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक (परियोजना) एके सिंह ने बताया कि बैंकों के क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश दिए गए हैं कि अधिसूचित क्षेत्र में निर्माण के लिए तभी लोन स्वीकृत किया जाए जब खरीदार द्वारा प्राधिकरण से स्वीकृत ले-आउट प्लान, मानचित्र और अनापत्ति प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया गया हो। यह कदम भूमाफियाओं की गतिविधियों पर रोक लगाएगा और नागरिकों को सतर्क करेगा।