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ग्रेटर नोएडा में किसानों का यमुना प्राधिकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

ग्रेटर नोएडा के किसानों ने यमुना प्राधिकरण पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए 30 जुलाई को महापंचायत आयोजित करने की योजना बनाई है। ग्रामीणों ने बिजली और जलभराव की समस्याओं का भी जिक्र किया है। इस महापंचायत में वे अपनी समस्याओं को अधिकारियों के सामने रखेंगे। यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे विरोध प्रदर्शन करने का इरादा रखते हैं।
 

किसानों का यमुना प्राधिकरण पर आरोप

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा के किसानों ने यमुना प्राधिकरण पर भेदभाव का आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने प्राधिकरण के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की है। आज किसानों की एक बैठक हुई, जिसमें 30 जुलाई को होने वाली महापंचायत की तैयारियों पर चर्चा की गई। किसानों का कहना है कि वे इस महापंचायत के माध्यम से अपनी समस्याएं प्राधिकरण के समक्ष रखेंगे। यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे।


सरकारी स्कूलों में जलभराव की समस्या

ग्राम प्रधान इकराम ने बताया कि गांव में बिजली की गंभीर समस्या है और सरकारी स्कूलों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। गांव में न तो बारात घर की व्यवस्था है और न ही पानी निकासी की कोई उचित व्यवस्था। ग्रामीणों का आरोप है कि यमुना प्राधिकरण गांवों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपनाता है।


प्राधिकरण की नीतियों पर सवाल

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पवन खटाना ने कहा कि गांव अट्टा फतेहपुर समेत कई गांवों में अभी तक आबादी के निस्तारण नहीं किए गए हैं। जांच के नाम पर ग्रामीणों को भ्रमित किया जा रहा है और किसान कोटे के प्लॉट अब तक नहीं दिए गए हैं।


सर्किल रेट में भेदभाव

किसान संगठन के मीडिया प्रभारी सुनील प्रधान ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर में किसानों की जमीनों का सर्किल रेट वर्षों से नहीं बढ़ाया गया है। प्राधिकरण द्वारा खरीदी गई जमीन का सर्किल रेट अपनी सुविधानुसार बार-बार बढ़ाया जा रहा है, जो सरकार और प्राधिकरण की मिलीभगत को दर्शाता है। इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।


महापंचायत की तैयारी

इन सभी मुद्दों को लेकर 30 जुलाई को एक बड़ी महापंचायत गलगोटिया अंडरपास के नीचे आयोजित की जाएगी। इसमें क्षेत्र के सैकड़ों किसान, मजदूर और ग्रामीण भाग लेंगे। इस महापंचायत में अधिकारियों से आमने-सामने बात कर समाधान की मांग की जाएगी।