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ग्रेटर नोएडा में फ्लैट खरीदारों का कोर्ट रिसीवर ऑफिस के बाहर प्रदर्शन

ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली सोसायटी के फ्लैट खरीदारों ने कोर्ट रिसीवर ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने मनमानी और अमानवीय व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाई। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, लेकिन उन्हें केवल झूठे आश्वासन मिल रहे हैं। समाजसेवी दीपांकर कुमार और नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की। यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे अगला बड़ा प्रदर्शन दिल्ली के जंतर-मंतर पर करने की योजना बना रहे हैं।
 

ग्रेटर नोएडा में खरीदारों का विरोध

ग्रेटर नोएडा समाचार: आम्रपाली सोसायटी के फ्लैट खरीदारों ने कोर्ट रिसीवर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने कहा कि अब और मनमानी नहीं सहेंगे। उनका आरोप है कि फ्लैट कैंसिल होने, स्टाफ के खराब व्यवहार और तानाशाही से वे परेशान हैं। इस प्रदर्शन में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।


सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। कोर्ट रिसीवर ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनके मामले का शीघ्र समाधान होगा, लेकिन समय बीतने के बाद भी उन्हें केवल झूठे आश्वासन मिल रहे हैं। जब भी निवेशक कोर्ट रिसीवर कार्यालय पहुंचते हैं, उन्हें अगली बार आने के लिए कहा जाता है। इस स्थिति से परेशान होकर उन्होंने विरोध प्रदर्शन का सहारा लिया है।


पूरी रकम जमा करने के बावजूद कैंसिल हुए फ्लैट

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के समाजसेवी दीपांकर कुमार ने कहा कि मनमाने तरीके से लोगों के फ्लैट कैंसिल किए जा रहे हैं। जिन लोगों ने फ्लैट की पूरी राशि चुका दी है, उनके फ्लैट भी कैंसिल कर दिए गए हैं। लंबे इंतजार के बाद लोगों को फ्लैट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन अब मनमानी की जा रही है।


नेफोवा ने उठाई आवाज

आम्रपाली के खरीदारों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट में आवाज उठाने वाले नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा कि कोर्ट रिसीवर कार्यालय वाले खरीदारों की सहनशीलता की परीक्षा ले रहे हैं। यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो अगला प्रदर्शन दिल्ली के जंतर-मंतर पर किया जाएगा।


अमानवीय व्यवहार पर रोक लगाने की मांग

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है, जिसे तुरंत बंद किया जाना चाहिए। फ्लैटों को जल्द से जल्द रिवाइन करने की मांग की गई है। लोगों का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट के नाम पर उन्हें केवल परेशान किया जा रहा है।