चंडीगढ़ के संविधान संशोधन पर गृह मंत्रालय का स्पष्टीकरण
चंडीगढ़ के लिए प्रस्तावित संशोधन पर राजनीतिक हलचल
नई दिल्ली। चंडीगढ़ से संबंधित नए संविधान संशोधन के प्रस्ताव ने पंजाब में राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है। राज्य की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ आवाज उठाई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रविवार को स्पष्ट किया कि चंडीगढ़ के लिए कानून बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रस्ताव अभी विचाराधीन है और इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि आगामी संसद के शीतकालीन सत्र में इस विषय पर कोई नया बिल पेश करने की योजना नहीं है।
गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि इस प्रस्ताव का उद्देश्य चंडीगढ़ की शासन व्यवस्था में किसी भी प्रकार का बदलाव लाना नहीं है और न ही यह पंजाब और हरियाणा के साथ उसके पारंपरिक संबंधों को प्रभावित करेगा। मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि इस मुद्दे पर चिंता करने की आवश्यकता नहीं है और चंडीगढ़ के हितों को ध्यान में रखते हुए सभी संबंधित पक्षों से व्यापक चर्चा के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
विवाद का कारण क्या है?
हाल ही में यह जानकारी सामने आई थी कि केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ को संविधान के अनुच्छेद 240 के अंतर्गत लाने का प्रस्ताव रखा है। अनुच्छेद 240 के तहत राष्ट्रपति को केंद्र शासित प्रदेशों के लिए सीधे नियम और कानून बनाने का अधिकार है।