चंडीगढ़ में इमिग्रेशन कंपनी के मालिक की आत्महत्या का नया मोड़
चंडीगढ़ में आत्महत्या का मामला
चंडीगढ़ समाचार: हाल ही में सेक्टर-68 में एचडीएफसी बैंक के बाथरूम में आत्महत्या करने वाले इमिग्रेशन कंपनी के मालिक राजदीप सिंह के मामले में एक नया घटनाक्रम सामने आया है। राजदीप का एक वीडियो बुधवार को जारी किया गया है, जिसमें वह अपनी मौत के लिए पंजाब पुलिस के एआईजी गुरजोत सिंह कलेर और अन्य का नाम लेते हुए दिखाई दे रहे हैं।
सुसाइड नोट और पिता का बयान
राजदीप के पिता परमजीत सिंह ने पुलिस को एक सुसाइड नोट सौंपा है, जिसमें राजदीप ने लिखा है कि उसे गुरजोत सिंह कलेर और अन्य लोगों द्वारा परेशान किया गया था। इस आधार पर फेज-8 थाने में एआईजी कलेर, सीए समीर अग्रवाल, रिंकू कृष्णा, शाइना अरोड़ा और ऋषि राणा सहित अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
राजदीप का संदेश
पिता ने बताया कि राजदीप ने आत्महत्या से पहले अपनी पत्नी को एक संदेश भेजा था, जिसमें उसने कहा था कि दूधा की डायरी में कुछ महत्वपूर्ण है। जब उसकी पत्नी छवि घर आईं, तो उन्हें राजदीप की आत्महत्या की खबर मिली और उन्होंने डायरी में दो पन्नों का सुसाइड नोट पाया।
पैसों का दबाव
राजदीप ने बताया कि एआईजी कलेर ने उसके इमिग्रेशन व्यवसाय में 1 करोड़ 60 लाख रुपये का निवेश किया था। इस निवेश के बाद, कलेर ने राजदीप से दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए और बाद में पैसे वापस ले लिए। इसके बाद कलेर ने राजदीप पर और पैसे देने का दबाव बनाना शुरू कर दिया।
राजदीप की परेशानियों का सिलसिला
राजदीप ने अपने पिता को बताया कि कलेर उसे बेइज्जत कर रहा था और धमकी दे रहा था कि अगर उसने पैसे नहीं दिए, तो वह उसके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कर देगा। 9 सितंबर को कलेर की सरकारी गाड़ी राजदीप के घर पहुंची, जहां उसे जबरन वीडियो बनाने के लिए ले जाया गया।
आत्महत्या का तरीका
राजदीप को बैंक से लोन लेने के लिए कहा गया, लेकिन उसने बहाने से वॉशरूम जाकर अपने दोस्तों को वीडियो भेजा और फिर अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से आत्महत्या कर ली।
पैसों की समस्या
राजदीप के पिता ने बताया कि उनके बेटे ने समीर अग्रवाल को प्रॉपर्टी में निवेश के लिए 2 करोड़ 46 लाख रुपये दिए थे, लेकिन समीर ने पैसे वापस नहीं किए। इसके अलावा, राजदीप को अन्य लोगों से भी पैसे वापस नहीं मिल रहे थे, जिससे वह काफी परेशान था।