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चमोली में सेना के जवान पर नाबालिग से छेड़छाड़ का आरोप: क्या है पूरा मामला?

उत्तराखंड के चमोली जिले में एक सेना के जवान पर नाबालिग बच्ची से छेड़छाड़ का आरोप लगा है। पीड़िता की मां ने इस घटना को सोशल मीडिया पर लाइव किया, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। परिजनों ने तुरंत प्रशासन और पुलिस से शिकायत की, जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है और वे आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। यह घटना सुरक्षा के मुद्दों पर गंभीर सवाल उठाती है।
 

चमोली में शर्मनाक घटना

चमोली सेना जवान छेड़छाड़ मामला: उत्तराखंड के चमोली जिले से एक गंभीर घटना की सूचना मिली है, जिसमें एक सेना के जवान पर एक नाबालिग बच्ची के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया है। पीड़िता की मां ने इस घटना की जानकारी सोशल मीडिया पर लाइव साझा की, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। घटना की सूचना मिलते ही परिजनों ने एसडीएम और पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद आरोपी जवान को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया है और पूछताछ जारी है।


घटना का विवरण

यह घटना चमोली जिले के थराली क्षेत्र की है। जानकारी के अनुसार, सेना की सीएसडी कैंटीन में तैनात एक जवान ने रविवार शाम को एक नाबालिग बच्ची को अपने जाल में फंसाया। बच्ची अपनी मां के अनुसार, अपने पालतू कुत्ते को टहला रही थी, तभी आरोपी ने कैंटीन का ताला खोलकर उसे अंदर बुलाया और उसके साथ अनुचित हरकतें कीं।


बच्ची की आपबीती

बच्ची किसी तरह खुद को छुड़ाकर घर पहुंची और अपनी मां को पूरी घटना बताई। मां ने इस पर चुप रहने के बजाय तुरंत सोशल मीडिया पर लाइव आकर पूरे मामले को उजागर किया। मां का यह लाइव वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसने लोगों को झकझोर कर रख दिया।


परिजनों की शिकायत

घटना की गंभीरता को देखते हुए परिजनों ने तुरंत एसडीएम थराली और स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराई। थाना प्रभारी पंकज कुमार ने बताया कि परिजनों की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपी जवान को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।


स्थानीय लोगों का आक्रोश

इस अमानवीय घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। क्षेत्रीय समाजसेवी संगठनों और ग्रामीणों ने आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है। कई लोगों ने प्रशासन से यह भी अनुरोध किया है कि ऐसे संवेदनशील पदों पर तैनात व्यक्तियों की नियमित जांच होनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।


यह घटना एक बार फिर यह सवाल उठाती है कि क्या हमारी संस्थाओं में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर पर्याप्त सतर्कता बरती जा रही है? जिस सेना पर देश को गर्व होता है, वहां से यदि ऐसा मामला सामने आता है, तो यह न केवल संस्था की गरिमा पर सवाल उठाता है, बल्कि पूरे समाज की चेतना को भी झकझोर देता है।