चुनाव आयोग का राहुल गांधी को कड़ा जवाब: वोट चोरी के आरोपों पर उठाया सवाल
चुनाव आयोग की सख्त चेतावनी
Election Commission: कांग्रेस के नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए 'वोट चोरी' के आरोपों पर चुनाव आयोग ने आज स्पष्ट और कड़ा जवाब दिया। आयोग ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि जिस व्यक्ति ने आयोग पर आरोप लगाते हुए पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन तैयार किया है, उसे सात दिनों के भीतर हलफनामा पेश करना होगा। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो इन आरोपों को झूठा माना जाएगा। आयोग ने चेतावनी दी कि या तो हलफनामा प्रस्तुत करें या माफी मांगें, अन्यथा कोई विकल्प नहीं है।
राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा
राहुल गांधी ने हाल ही में बिहार के सासाराम से अपनी 'वोटर अधिकार यात्रा' की शुरुआत की है। यह यात्रा 16 दिनों तक 25 जिलों में चलेगी और लगभग 1,300 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। यात्रा का समापन 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में एक बड़ी रैली के साथ होगा, जिसमें आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी शामिल होंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त का बयान
चुनाव आयोग का सख्त संदेश
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत के संविधान के अनुसार, हर नागरिक जो 18 वर्ष की आयु पूरी करता है, उसे वोटर बनना चाहिए। चुनाव आयोग सभी राजनीतिक दलों के साथ समान व्यवहार करता है, चाहे वे सत्ताधारी हों या विपक्षी। हमारा कर्तव्य है कि हम कानून का पालन पूरी निष्पक्षता के साथ करें।
SIR प्रक्रिया का विवरण
क्या है SIR प्रक्रिया?
CEC ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की प्रक्रिया 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंट्स (BLAs) की मदद से चल रही है। ये एजेंट्स विभिन्न राजनीतिक दलों से हैं और मिलकर मतदाता सूची की त्रुटियों को सुधारने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट सभी राजनीतिक दलों को दिया गया है और इसमें उनके हस्ताक्षर व गवाह भी शामिल हैं।
डबल वोटिंग के आरोपों का खंडन
डबल वोटिंग के आरोप खारिज
ज्ञानेश कुमार ने मीडिया में आई डबल वोटिंग की खबरों को सिरे से नकारते हुए कहा कि कुछ लोगों ने दोहरी वोटिंग का आरोप लगाया, लेकिन जब सबूत मांगे गए तो कोई प्रमाण नहीं दिया गया। चुनाव आयोग ऐसी निराधार बातों से डरने वाला नहीं है। सीईसी ने मतदाता गोपनीयता (Voter Privacy) पर भी सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि बिना अनुमति मतदाताओं की तस्वीरों का इस्तेमाल पूरी तरह गलत है। उन्होंने चेतावनी दी कि डीपफेक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का गलत इस्तेमाल चुनावी प्रक्रिया के लिए खतरा बन सकता है।
विदेशी नागरिकों को हटाने की प्रक्रिया
विदेशी नागरिकों के नाम हटेंगे
ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया कि SIR प्रक्रिया के जरिए विदेशी नागरिकों को वोटर लिस्ट से बाहर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी, नेपाली या अन्य गैर-भारतीय नागरिकों को वोटर लिस्ट में जगह नहीं मिलेगी। यही इस प्रक्रिया का अहम हिस्सा है। इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में SIR की तारीख को लेकर तीनों चुनाव आयुक्त जल्द फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि जैसे अन्य राज्यों में ये प्रक्रिया पूरी हुई है, वैसे ही यहां भी तय समय पर की जाएगी।
सभी राजनीतिक दलों से अपील
सभी पार्टियों से अपील
ज्ञानेश कुमार ने राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे इस प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल हों और 1 सितंबर तक अपने सुझाव और आपत्तियां दर्ज कराएं। चुनाव आयोग के दरवाजे हमेशा खुले हैं। हमारी प्राथमिकता है कि मतदाता सूची सटीक और पारदर्शी बने। अपने संबोधन के अंत में मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव आयोग हर मतदाता के साथ चट्टान की तरह खड़ा है। गरीब, बुजुर्ग, महिला, युवा और सभी धर्मों व समाजों के लोग हमारे लिए समान हैं। हम लोकतंत्र की पवित्रता को पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता से बनाए रखेंगे।