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चुनाव आयोग ने वोटों की गिनती के नियमों में किया बदलाव

चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में नाम जोड़ने और हटाने के नियमों में बदलाव के साथ-साथ वोटों की गिनती के तरीके में भी संशोधन किया है। नए नियम के अनुसार, अब पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी होने के बाद ही ईवीएम की अंतिम राउंड की गिनती होगी। यह बदलाव बिहार विधानसभा चुनाव से लागू होगा और इससे गिनती की प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद है। जानें इस नए नियम का क्या प्रभाव पड़ेगा और मतदाता सूची में बदलाव के लिए ई वेरिफिकेशन की प्रक्रिया कैसे काम करेगी।
 

नई गिनती के नियमों की घोषणा

नई दिल्ली। मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने के नियमों में संशोधन के एक दिन बाद, चुनाव आयोग ने वोटों की गिनती के तरीके में भी बदलाव किया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि अब पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी होने के बाद ही ईवीएम के अंतिम राउंड की गिनती की जाएगी। पहले, पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू होने के आधे घंटे बाद ईवीएम की गिनती शुरू होती थी, और दोनों की गिनती एक साथ चलती थी। अब यदि पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी नहीं हुई है, तो ईवीएम की अंतिम राउंड की गिनती रोक दी जाएगी। यह नया नियम बिहार चुनाव से लागू होगा।


चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि यदि पोस्टल बैलेट की संख्या अधिक होती है, तो उसके लिए गिनती टेबल की संख्या बढ़ाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि मतगणना के दिन पोस्टल बैलेट की गिनती सुबह आठ बजे शुरू होती है, जबकि ईवीएम की गिनती साढ़े आठ बजे शुरू होती है। पहले, कई केंद्रों पर मशीन से गिनती जल्दी पूरी हो जाती थी, जबकि बैलेट की गिनती में अधिक समय लगता था। अब नए नियम के अनुसार, बैलट की गिनती बाकी रहने पर ईवीएम की गिनती रोक दी जाएगी।


चुनाव आयोग ने गुरुवार को एक बयान जारी कर बताया कि नए नियम की शुरुआत बिहार विधानसभा चुनाव से होगी। आयोग ने कहा कि इस कदम से वोटों की गिनती की प्रक्रिया में समानता और पारदर्शिता बढ़ेगी, विशेषकर उन मतगणना केंद्रों पर जहां पोस्टल बैलेट की गिनती होती है। इस बदलाव से यह सुनिश्चित होगा कि सभी वोटों की गिनती सही तरीके से और बिना किसी पक्षपात के पूरी हो सके।


इससे पहले, चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में नाम जोड़ने और हटाने के लिए ई वेरिफिकेशन को अनिवार्य किया था। इसके लिए आयोग ने अपने पोर्टल और ऐप पर एक नया ई साइन फीचर शुरू किया है। अब, मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने के लिए फॉर्म जमा करने वाले रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक बार का पासवर्ड (ओटीपी) भेजा जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि आवेदन करने वाला वही व्यक्ति है, जिसका नाम या नंबर इस्तेमाल किया गया है।