चेतेश्वर पुजारा ने क्रिकेट को कहा अलविदा, यादगार करियर का समापन
पुजारा का संन्यास
चेतेश्वर पुजारा, जो भारतीय टेस्ट क्रिकेट के एक महत्वपूर्ण स्तंभ माने जाते हैं, ने 24 अगस्त को अपने क्रिकेट करियर से संन्यास लेने की घोषणा की। उन्होंने न केवल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से, बल्कि पूरी तरह से पेशेवर क्रिकेट से अलविदा कहा। पुजारा ने अपने करियर के दौरान भारतीय टेस्ट बैटिंग को मजबूती प्रदान की और इस अवसर पर उन्होंने उन गेंदबाजों का उल्लेख किया जिन्होंने उन्हें सबसे अधिक चुनौती दी।दिलचस्प बात यह है कि पुजारा की सूची में कगिसो रबाडा, मिचेल स्टार्क या जोश हेजलवुड जैसे प्रमुख नाम शामिल नहीं थे। इसके बजाय, उन्होंने डेल स्टेन, मोर्ने मोर्केल, जेम्स एंडरसन और पैट कमिंस का नाम लिया। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि स्टेन और मोर्केल के खिलाफ उनका सामना भले ही कम हुआ हो, लेकिन एंडरसन और कमिंस के खिलाफ उन्होंने कई महत्वपूर्ण पारियां खेली हैं।
आंकड़ों के अनुसार, पैट कमिंस ने उन्हें टेस्ट मैचों में आठ बार आउट किया है। पुजारा ने अपने टेस्ट करियर में कुल 7195 रन बनाए और इस फॉर्मेट में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में आठवें स्थान पर रहे। उनके आगे सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सुनील गावस्कर, विराट कोहली, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंद्र सहवाग और सौरव गांगुली जैसे दिग्गज हैं।
उनका अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच जून 2023 में हुआ था, जब भारत ने आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेला। उस मैच के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया और चयनकर्ताओं ने उन्हें दोबारा मौका नहीं दिया। घरेलू क्रिकेट में वापसी की कोशिशों के बावजूद, पुजारा चयनकर्ताओं का विश्वास नहीं जीत पाए और अंततः उन्होंने खेल को अलविदा कहने का निर्णय लिया।
पुजारा का टेस्ट करियर भारतीय क्रिकेट के लिए हमेशा यादगार रहेगा। इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका जैसी कठिन परिस्थितियों में उनकी लंबी और धैर्यपूर्ण पारियां टीम इंडिया के लिए एक ताकत साबित हुईं। उनकी बल्लेबाजी में क्लासिक टेस्ट टेम्परामेंट था, जिसके कारण उन्हें "भारत की टेस्ट की दीवार 2.0" का सम्मान मिला।