चेन्नई सुपर किंग्स में युवा खिलाड़ियों की नई लहर: आईपीएल 2026 की नीलामी में बदलाव
आईपीएल 2026 की नीलामी में चेन्नई सुपर किंग्स का नया दृष्टिकोण
आईपीएल 2026 की मिनी नीलामी ने कई टीमों की रणनीतियों को स्पष्ट किया है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तन चेन्नई सुपर किंग्स में देखने को मिला है। वर्षों तक अनुभवी खिलाड़ियों पर निर्भर रहने वाली सीएसके अब जानबूझकर युवा और भविष्य की ओर केंद्रित टीम बनाने की दिशा में बढ़ रही है। यह बदलाव अचानक नहीं, बल्कि एक सोची-समझी योजना का हिस्सा है।
डैड्स आर्मी से नई पहचान की ओर
चेन्नई सुपर किंग्स को लंबे समय तक अनुभवी और सीनियर खिलाड़ियों के साथ खेलने के लिए जाना जाता रहा है, जिसके कारण इसे 'डैड्स आर्मी' कहा जाता था। आईपीएल 2026 की नीलामी के बाद, यह छवि तेजी से बदलती दिख रही है। टीम की औसत उम्र में कमी आई है और युवा खिलाड़ियों की संख्या में वृद्धि हुई है। क्रिकेट विश्लेषकों का मानना है कि यह बदलाव संकेत देता है कि सीएसके अब अगले पांच से सात वर्षों की योजना बना रही है।
नीलामी में स्पष्ट रणनीति का प्रदर्शन
इस बार की नीलामी में, चेन्नई सुपर किंग्स ने अपने कुल बजट का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा युवा और नए खिलाड़ियों पर खर्च किया। यह निर्णय उस पुरानी नीति से बिल्कुल भिन्न है, जिसमें टीम ज्यादातर अनुभवी खिलाड़ियों पर भरोसा करती थी और अनकैप्ड प्रतिभाओं पर सीमित निवेश करती थी।
टीम के भीतर यह सोच पहले ही दिखाई देने लगी थी, जब ऋतुराज गायकवाड़ को कप्तान बनाया गया। नीलामी ने उस बदलाव को और मजबूत किया।
धोनी की मौजूदगी में नई पीढ़ी को अवसर
एमएस धोनी अब भी चेन्नई सुपर किंग्स के साथ जुड़े हुए हैं, और यही इस बदलाव को विशेष बनाता है। जब प्रशांत वीर और कार्तिक शर्मा का जन्म भी नहीं हुआ था, तब धोनी भारतीय क्रिकेट का बड़ा नाम बन चुके थे। अब ये युवा खिलाड़ी धोनी के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करेंगे।
- प्रशांत वीर को 14.20 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट मिला।
- कार्तिक शर्मा को भी 14.20 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट मिला।
क्रिकेट विशेषज्ञ मानते हैं कि धोनी जैसे लीडर की मौजूदगी युवा खिलाड़ियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
भूमिकाएं समय के साथ तय होंगी
यह अभी स्पष्ट नहीं है कि विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी किसे कितनी मिलेगी या क्या प्रशांत वीर लंबे समय में रवींद्र जडेजा के विकल्प बन पाएंगे। हालांकि, यह निश्चित है कि चेन्नई सुपर किंग्स ने भविष्य की चुनौतियों को स्वीकार कर लिया है और बदलाव की दिशा में कदम बढ़ा दिया है।
पहले की नीति से कितना अलग है यह कदम
सीएसके अतीत में भारतीय और विदेशी खिलाड़ियों के मामले में अनुभवी नामों पर टिके रहने के लिए जानी जाती थी। यहां तक कि एक समय कृष्णप्पा गौतम पर करीब 10 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी उन्हें लगातार मौके नहीं मिल पाए थे। इस बार का निवेश बताता है कि फ्रेंचाइजी अब जोखिम लेने को तैयार है।
क्या एआर श्रीकांत की भूमिका अहम रही
टीम की नई सोच के पीछे एआर श्रीकांत की भूमिका को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वह पहले कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ लंबे समय तक जुड़े रहे और कई सफल टैलेंट खोजने में उनकी बड़ी भूमिका रही। अब सीएसके में वह टैलेंट और प्लेयर एक्विजिशन के प्रमुख हैं। क्रिकेट स्काउट्स का मानना है कि प्रशांत वीर और कार्तिक शर्मा जैसे खिलाड़ियों पर भरोसा जताने में श्रीकांत की सिफारिश निर्णायक रही होगी।
आईपीएल ने बदली टीमों की सोच
चेन्नई सुपर किंग्स के मुख्य कोच स्टीफन फ्लेमिंग पहले भी कह चुके हैं कि आईपीएल ने टैलेंट की ऐसी गहराई पैदा की है, जिससे टीमें अब अनुभवी खिलाड़ियों से आगे सोच पा रही हैं। आज सीएसके के स्क्वाड में 18 साल के आयुष म्हात्रे, 19 साल के कार्तिक शर्मा, 20 साल के प्रशांत वीर, और 22 साल के डेवाल्ड ब्रेविस जैसे युवा खिलाड़ी शामिल हैं। वहीं उर्विल पटेल 27 और सरफराज खान 28 साल के हैं, जो टीम को संतुलन देते हैं।
यह बदलाव क्यों है अहम
चेन्नई सुपर किंग्स का यह कदम सिर्फ एक नीलामी रणनीति नहीं है। यह संकेत है कि फ्रेंचाइजी दीर्घकालिक सफलता, नई पीढ़ी की तैयारी, और धोनी युग के बाद की योजना पर गंभीरता से काम कर रही है। क्रिकेट जानकारों के अनुसार, यदि यह युवा कोर सही दिशा में विकसित हुआ, तो सीएसके आने वाले वर्षों में भी खिताब की मजबूत दावेदार बनी रह सकती है।