छतरपुर में नायब तहसीलदार पर छात्रा को थप्पड़ मारने का आरोप
छतरपुर में विवादास्पद घटना
छतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के सौंरा मंडल में नायब तहसीलदार ऋतु सिंघई पर एक छात्रा को थप्पड़ मारने, एक किसान को पकड़ने और एक महिला से मारपीट करने के गंभीर आरोप लगे हैं।
इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की। कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने मामले का संज्ञान लेते हुए नायब तहसीलदार को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।
कलेक्टर का नोटिस
कलेक्टर द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि ऋतु सिंघई का आचरण मध्य प्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के खिलाफ है। नोटिस में निर्देश दिया गया है कि वह उसी दिन अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें, अन्यथा संतोषजनक उत्तर न मिलने पर उनके खिलाफ एकतरफा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य में गिरावट
नोटिस के बाद बिगड़ी तबीयत, ICU में भर्ती
नोटिस जारी होने के कुछ घंटों बाद ऋतु सिंघई की तबीयत बिगड़ गई। अचानक ब्लड प्रेशर गिरने के कारण उन्हें जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया। फिलहाल, चिकित्सकों की निगरानी में उनका इलाज जारी है।
छात्रा का आरोप
फर्टिलाइजर टोकन को लेकर विवाद
यह घटना बुधवार को परा गांव में हुई। एमए तृतीय सेमेस्टर की छात्रा गुड़िया पटेल खाद लेने आई थी। उसने आरोप लगाया कि वह दो महीने से खाद वितरण केंद्र के चक्कर काट रही है, लेकिन उसे खाद नहीं मिल रही। जब उसने नायब तहसीलदार से टोकन मांगा, तो ऋतु सिंघई ने कहा कि टोकन केवल पुरुषों को दिए जाएंगे। छात्रा के दोबारा मांगने पर नायब तहसीलदार ने कथित रूप से उसे थप्पड़ मार दिया।
टोकन वितरण में देरी
टोकन बांटने का समय और भीड़ का हवाला
नायब तहसीलदार ने मौके पर मौजूद लोगों से कहा कि टोकन वितरण सुबह 9 बजे तक होना था, लेकिन अब 11 बजने के कारण इसे बंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि बढ़ती भीड़ को देखते हुए टोकन अब 6 दिसंबर से दोबारा बांटे जाएंगे।
खाद की कालाबाजारी के आरोप
खाद की कालाबाजारी करने के आरोप
छात्रा गुड़िया पटेल ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र पर लगभग 15 ट्रक खाद उपलब्ध है, लेकिन उसे काले बाजार में बेचा जा रहा है। उसने यह भी आरोप लगाया कि नायब तहसीलदार की मिलीभगत से कमीशन लेकर खाद की कालाबाजारी की जा रही है। गुड़िया के अनुसार, 250 से अधिक महिलाएं रात 2 बजे से लाइन में खड़ी थीं, फिर भी किसी को खाद नहीं मिली। उसने कहा कि कई दिनों तक टोकन बांटे जाते हैं, लेकिन पैसे लेने के बाद भी खाद उपलब्ध नहीं कराई जाती।