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जम्मू-कश्मीर में बादल फटने से चार की मौत, राहत कार्य जारी

जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में बादल फटने से चार लोगों की जान चली गई और छह अन्य घायल हुए हैं। राहत कार्य जारी है, जबकि किश्तवाड़ में भी बाढ़ ने तबाही मचाई है। जानें इस घटना के बारे में और प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे बचाव कार्यों की स्थिति।
 

जम्मू-कश्मीर में बादल फटने की घटना

जम्मू-कश्मीर में बादल फटने की घटना: कठुआ जिले के एक दूरदराज के गांव में रातभर हुई मूसलधार बारिश के कारण बादल फटने से चार लोगों की जान चली गई और छह अन्य घायल हुए हैं। पुलिस और एसडीआरएफ की संयुक्त टीम मौके पर पहुंच गई है और बचाव कार्य में जुटी हुई है। अधिकारियों के अनुसार, कठुआ जिले के राजबाग क्षेत्र में जोड़ घाटी में शनिवार और रविवार की रात को बादल फटने से गांव तक पहुंच बाधित हो गई और भूमि तथा संपत्ति को नुकसान पहुंचा। भूस्खलन की घटनाएं कठुआ थाना क्षेत्र के बागड़ और चांगडा गांवों के साथ-साथ लखनपुर थाना क्षेत्र के दिलवान-हटली गांवों में भी हुई हैं। नुकसान का आकलन अभी किया जाना बाकी है।


किश्तवाड़ में बाढ़ का कहर

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में 14 अगस्त को अचानक आई बाढ़ में 60 लोगों की जान गई, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए और 82 लोग लापता हैं। वार्षिक मचैल माता यात्रा का आधार शिविर, चोसिटी गांव, गुरुवार दोपहर 12 बजे से 1 बजे के बीच जब यह आपदा आई, तब तीर्थयात्रियों से भरा हुआ था। प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को बचाने के लिए अभियान जारी है।


तबाही का मंजर

भूस्खलन और बाढ़ ने घरों, दुकानों और वाहनों को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया, जिससे कई लोग हताहत हुए और कई लापता हो गए। अचानक आई बाढ़ ने एक सुरक्षा शिविर और बस स्टैंड पर खड़े कई वाहनों को भी बहा दिया। हालांकि, बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में स्थित एक मंदिर चमत्कारिक रूप से सुरक्षित रहा। जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने शनिवार को बादल फटने से प्रभावित चिसोती गांव का दौरा किया और बचाव एवं राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और सुरक्षा बलों की बचाव टीमों के साथ अब तक किए गए उपायों पर चर्चा की।


जल स्तर में वृद्धि

भारी बारिश के कारण अधिकांश जलाशयों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और उझ नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है। अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है और लोगों से जलाशयों से दूर रहने की अपील की है।