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जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर बारिश और भूस्खलन का असर, यातायात आंशिक रूप से बहाल

जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे (NH-44) हाल ही में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि यातायात को आंशिक रूप से बहाल किया गया है, लेकिन इसे पूरी तरह से ठीक होने में कई महीने लग सकते हैं। उधमपुर जिले में एक पुल के ढहने से स्थिति और भी गंभीर हो गई है। जानें इस स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी और मरम्मत कार्य की प्रगति के बारे में।
 

जम्मू-श्रीनगर हाईवे की स्थिति

जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे (NH-44), जिसे कश्मीर की जीवनरेखा माना जाता है, हाल ही में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। अधिकारियों के अनुसार, हाईवे पर यातायात को आंशिक रूप से बहाल किया गया है, लेकिन इसे पूरी तरह से ठीक होने में कई महीने लग सकते हैं।


उधमपुर जिले में एक पुल के ढहने से सबसे बड़ी चुनौती उत्पन्न हुई है, जिसके पुनर्निर्माण में कम से कम छह महीने का समय लगेगा। NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर शुभम यादव ने बताया कि 26 अगस्त को हुई भारी बारिश ने उधमपुर और चेनानी के बीच 20 किलोमीटर के क्षेत्र को नुकसान पहुंचाया, जिसमें बानी नाले से समरोली तक का 10 किलोमीटर का हिस्सा सबसे अधिक प्रभावित हुआ है।


इस क्षेत्र में स्थिति और भी गंभीर है, जहां एक 150 मीटर ऊंची पहाड़ी खिसकने लगी है, जिससे हाईवे की चार में से तीन लेन मलबे में दब गई हैं। वर्तमान में, ट्रैफिक के लिए केवल एक लेन खुली है। इसके अलावा, बल्ली नाले पर भी सड़क धंस गई है, जिसका भराव कार्य जारी है।


NHAI के कर्मचारियों ने लगातार काम करके डेढ़ दिन के भीतर हाईवे को आंशिक रूप से खोल दिया था, जिससे 30 अगस्त से आवश्यक सामान ले जाने वाले भारी वाहनों की आवाजाही शुरू हो सकी थी। हालांकि, बाद में हुई बारिश ने मरम्मत के कार्य को फिर से धीमा कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि यदि मौसम अनुकूल रहा, तो बल्ली नाले पर दो-लेन का ट्रैफिक जल्द ही शुरू किया जा सकता है।