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जयपुर में छात्रा के आत्महत्या मामले में CBSE की रिपोर्ट से खुलासा

जयपुर के एक स्कूल में चौथी कक्षा की छात्रा अमायरा कुमार मीना के आत्महत्या मामले में CBSE की रिपोर्ट ने कई गंभीर मुद्दों को उजागर किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि अमायरा 18 महीनों तक बुलीइंग का शिकार रही और उसके शिक्षक ने उसकी मदद नहीं की। यह घटना न केवल अमायरा के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है कि स्कूलों में बुलीइंग और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है। रिपोर्ट में शिक्षक की लापरवाही और स्कूल की अनदेखी का भी जिक्र है।
 

जयपुर में छात्रा की आत्महत्या पर CBSE की रिपोर्ट


जयपुर: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने एक प्रसिद्ध स्कूल में चौथी कक्षा की छात्रा, नौ वर्षीय अमायरा कुमार मीना के आत्महत्या मामले पर अपनी विस्तृत रिपोर्ट जारी की है, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया है। रिपोर्ट में यह स्पष्ट होता है कि अमायरा 18 महीनों तक बुलीइंग का शिकार रही और उसके शिक्षक ने उसकी मदद नहीं की।


CBSE की रिपोर्ट में अमायरा के अंतिम क्षणों का विवरण दिया गया है, जिसमें सहायता की कमी का उल्लेख है, जिसने उसे मानसिक तनाव की स्थिति में पहुंचा दिया। सुबह 11:00 बजे से पहले के CCTV फुटेज में अमायरा को खुश और सकारात्मक दिखाया गया, जिसमें वह नृत्य कर रही थी और चॉकलेट तथा गोलगप्पे का आनंद ले रही थी।


बुलीइंग का शिकार

लड़कों ने किया अमायरा को बुली


सुबह 11:00 बजे के बाद स्थिति बदल गई। अमायरा एक समूह द्वारा डिजिटल स्लेट पर लिखे गए अपमानजनक कंटेंट से परेशान हो गई। यह वही अपमानजनक शब्द थे जिनका जिक्र उसके माता-पिता ने किया था। अमायरा को अपने सहपाठियों से रोकने और लिखे गए शब्दों को मिटाने के लिए कहते हुए देखा गया। CBSE ने कहा कि इस स्थिति में शिक्षक का हस्तक्षेप आवश्यक था।


टीचर की अनदेखी

45 मिनट की बेताब मिन्नतें नजरअंदाज की गईं


रिपोर्ट का सबसे दुखद हिस्सा यह है कि शिक्षक, पुनीता शर्मा, उस समय कुछ नहीं कर सकीं जब अमायरा को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। अमायरा ने 45 मिनट के भीतर पांच बार अपनी शिक्षक के पास जाकर मदद मांगी, लेकिन उनकी अनदेखी की गई। उन्हें कई बार चिल्लाते हुए देखा गया, जिससे पूरी कक्षा चौंक गई।


दुखद अंत

चौथी मंजिल से कूदकर दी जान


अमायरा ने अपने लंच को छोड़ दिया और चौथी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। CBSE की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि शिक्षक की लापरवाही और समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता की कमी अमायरा की असमय मौत का कारण बनी।


बुलीइंग की अनदेखी

बुलीइंग को नजरअंदाज करने का एक पैटर्न


अमायरा का आत्महत्या करना एक अकेली घटना नहीं थी; यह 18 महीनों के लगातार उत्पीड़न का दुखद परिणाम था, जिसे स्कूल ने बार-बार नजरअंदाज किया। CBSE की समिति ने पाया कि स्कूल और शिक्षक अमायरा के साथ हुए उत्पीड़न के बारे में जानते थे, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसा प्रतीत होता है कि स्कूल बुलीइंग के खिलाफ एक स्वस्थ माहौल बनाने में असफल रहा।


मदद की आवश्यकता

अगर आपके मन में कभी सुसाइड करने का ख्याल आए तो कृपया अपने नज़दीकी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के पास जाएं. इससे आप अपनी परेशानी का हल निकाल सकते हैं. इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 14416 है, जहां आप 24X7 संपर्क कर सकते हैं.