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जादवपुर यूनिवर्सिटी की शताब्दी दास ने पश्चिम बंगाल में महिला सुरक्षा पर चिंता जताई

जादवपुर यूनिवर्सिटी की गेस्ट फैकल्टी शताब्दी दास ने पश्चिम बंगाल के लॉ कॉलेज में हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की और कहा कि महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित किया जाना चाहिए। दास ने यह भी कहा कि समाज को बेटियों की शिक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए, क्योंकि विकास में दोनों का योगदान समान है। इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि अपराधियों में भय पैदा हो सके।
 

महिला सुरक्षा पर चिंता

कोलकाता: जादवपुर यूनिवर्सिटी की अंग्रेजी रिसर्च स्कॉलर और गेस्ट फैकल्टी, शताब्दी दास ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के लॉ कॉलेज में एक छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की।


उन्होंने एक मीडिया चैनल से बातचीत में कहा कि एक महिला के रूप में, मैं इस घटना की कड़ी निंदा करती हूं और सरकार से अनुरोध करती हूं कि इस मामले में शामिल सभी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यह आवश्यक है कि शैक्षणिक संस्थानों में महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित किया जाए।


इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि हमारी यूनिवर्सिटी का माहौल पूरी तरह से सुरक्षित है। यदि कोई बाहरी छात्र यहां आने का सोच रहा है, तो उसे चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। हमारे संस्थान में सभी लोग अच्छे से रहते हैं और यदि किसी को कोई समस्या होती है, तो हम मिलकर उसका समाधान करते हैं।


जब उनसे पूछा गया कि हाल के दिनों में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के कारण माता-पिता अपनी बेटियों को पढ़ाने से हिचकिचा रहे हैं, तो शताब्दी दास ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए। यह 21वीं सदी है, और हमें बेटों के साथ-साथ बेटियों की शिक्षा को भी प्राथमिकता देनी चाहिए। समाज के विकास में दोनों का योगदान समान है। इसलिए हमें एक-दो घटनाओं के आधार पर अपनी बेटियों की शिक्षा से पीछे नहीं हटना चाहिए।


उन्होंने आगे कहा कि यदि कुछ मामलों के प्रकाश में आने के बाद किसी ने अपनी धारणा बदली है, तो उन्हें अपने विचारों को बदलना चाहिए। पश्चिम बंगाल की महिलाएं सशक्तिकरण का प्रतीक हैं, और यहां की बेटियों की शिक्षा के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। हम लॉ कॉलेज की घटना की कड़ी निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि इसमें शामिल आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि अपराधियों में भय पैदा हो सके।