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जितेंद्र परिवार ने अंधेरी में 855 करोड़ की रियल एस्टेट डील की

मुंबई की रियल एस्टेट में एक नई उपलब्धि सामने आई है, जब अभिनेता जितेंद्र और उनके परिवार ने अंधेरी में 855 करोड़ रुपये में दो प्रमुख व्यावसायिक भूखंडों को बेचा। यह सौदा NTT डेटा सेंटर्स को किया गया है, जो एक जापानी आईटी कंपनी है। इस डील के साथ, अंधेरी क्षेत्र में तकनीकी और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की नई संभावनाएं खुल रही हैं। जानें इस डील की वित्तीय बारीकियों और जितेंद्र परिवार के व्यापारिक दृष्टिकोण के बारे में।
 

मुंबई की रियल एस्टेट में नया मील का पत्थर

मुंबई, जो देश की आर्थिक राजधानी मानी जाती है, की रियल एस्टेट क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हुई है। प्रसिद्ध अभिनेता जितेंद्र और उनके परिवार ने अंधेरी के एक प्रमुख क्षेत्र में दो महत्वपूर्ण व्यावसायिक भूखंडों को 855 करोड़ रुपये में बेच दिया है। यह लेन-देन हाल के वर्षों में मुंबई की सबसे बड़ी संपत्ति सौदों में से एक के रूप में देखा जा रहा है। जितेंद्र और उनके परिवार द्वारा संचालित कंपनियों ने ये भूखंड NTT डेटा सेंटर्स को बेचे हैं, जो एक जापानी बहुराष्ट्रीय आईटी सेवा और डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी है, जो भारत में तेजी से विस्तार कर रही है। इस सौदे में कुल 2.39 एकड़ का क्षेत्र शामिल है, जिसमें पहले से ही बालाजी, आईटी पार्क नामक एक कार्यरत प्रोजेक्ट है। इस पर तीन इमारतें और कुल 4.90 लाख वर्ग फुट का निर्माण पहले से मौजूद है.


सौदे की वित्तीय जानकारी

कुल सौदा राशि: 855 करोड़ रुपये


स्टैंप ड्यूटी: 8.69 करोड़ रुपये (रिकॉर्ड स्तर की भुगतान राशि)


स्थान: अंधेरी पूर्व, मुंबई, जो पहले से ही एक प्रमुख आईटी और व्यावसायिक केंद्र बन चुका है


नया संभावित विकास: NTT द्वारा इस स्थान को उन्नत डेटा सेंटर और उच्च तकनीकी आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलने की संभावना


जितेंद्र परिवार का दृष्टिकोण और व्यापारिक रणनीति

बालाजी टेलीफिल्म्स के माध्यम से भारतीय टेलीविजन उद्योग में नया आयाम स्थापित करने वाले जितेंद्र और उनका परिवार अब व्यावसायिक निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में भी अपनी पहचान बना रहे हैं। इस सौदे के माध्यम से उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे केवल मनोरंजन क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि स्मार्ट निवेश और रणनीतिक दृष्टिकोण के भी विशेषज्ञ हैं। इस सौदे से अंधेरी जैसे क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। अब डेटा सेंटर्स और आईटी हब केवल दक्षिण मुंबई या नवी मुंबई तक सीमित नहीं रह गए हैं, बल्कि यह विकास पश्चिमी उपनगरों की ओर भी तेजी से बढ़ रहा है।