जीएसटी 2.0: नई कर संरचना से उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत
जीएसटी 2.0 का परिचय
जीएसटी 2.0 में कर परिवर्तन 22 सितंबर, 2025 से लागू होंगे, जिससे वस्तुओं और सेवाओं पर कर दरों में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा। नए ढांचे में 5% और 18% की दो मुख्य कर दरें शामिल हैं, जबकि विलासिता और हानिकारक वस्तुओं पर 40% कर लगाया जाएगा। सरकार का मानना है कि जीएसटी 2.0 अनुपालन की चुनौतियों को कम करेगा, विवादों को घटाएगा और घरेलू वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों को सस्ता बनाएगा। हालांकि, उपभोक्ताओं के लिए यह महत्वपूर्ण है कि क्या कंपनियाँ कर कटौती का लाभ उन्हें देंगी, क्योंकि पिछले अनुभवों में परिणाम मिश्रित रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सुधार को "बचत उत्सव" के रूप में प्रस्तुत किया और आश्वासन दिया कि उपभोक्ताओं को रोज़मर्रा की वस्तुओं की कीमतों में कमी देखने को मिलेगी। यह घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई 56वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद की गई।
जीएसटी 2.0 के तहत बदलाव
पहले की चार-स्तरीय संरचना, जिसमें 5%, 12%, 18% और 28% शामिल थे, ने वस्तुओं के वर्गीकरण में भ्रम पैदा किया था। जीएसटी 2.0 ने इसे दो व्यापक स्लैब में सरल बना दिया है: आवश्यक वस्तुओं जैसे खाद्यान्न, दवाइयाँ, और शैक्षिक उत्पादों पर 5% कर और अधिकांश मानक वस्तुओं और सेवाओं पर 18% कर। अब तंबाकू, पान मसाला, प्रीमियम वाहन, जुआ, और ऑनलाइन गेमिंग जैसी विलासिता की वस्तुओं पर 40% की दर लागू होगी।
मध्यम वर्ग को राहत
खाद्यान्न, दवाइयाँ और रोज़मर्रा की वस्तुओं पर 5% की कम दर से कर लगेगा, जिससे परिवारों के लिए वहनीयता सुनिश्चित होगी। 12% कर की दर हटने से कई मध्यम श्रेणी के उत्पाद सस्ते हो गए हैं, जिससे मध्यम वर्गीय परिवारों को सीधी राहत मिली है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का मानना है कि नए जीएसटी सुधारों से कर का बोझ काफी कम होगा, जिससे नागरिकों को लगभग 2 लाख करोड़ रुपये की बचत होने की उम्मीद है।
खाने-पीने की चीज़ें सस्ती होंगी
दूध से बने पेय, बिस्कुट, मक्खन, अनाज, सूखे मेवे, और अन्य खाद्य वस्तुओं पर अब कम जीएसटी दर लगेगी। इससे आम आदमी के रसोई खर्च में कमी आएगी। दैनिक उपयोग की वस्तुएँ जैसे शैम्पू, साबुन, और हेयर ऑयल भी अब सस्ती होंगी।
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की कीमतों में कमी
एसी, वाशिंग मशीन, और टीवी जैसी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं पर भी नई जीएसटी दरों के कारण कर कम हो गया है, जिससे ये उत्पाद किफायती दामों पर उपलब्ध होंगे।
महंगी वस्तुओं पर उच्च कर
सरकार ने पान मसाला, तंबाकू, और महंगी कारों जैसी विलासिता की वस्तुओं पर 40% की उच्च जीएसटी दर लागू की है। इन वस्तुओं को "पाप वस्तुओं" के रूप में वर्गीकृत किया गया है, और इनके उपभोग को कम करने के लिए उच्च कर लगाए जा रहे हैं।