जीत और हार पर प्रेरणादायक शायरी
जीत और हार पर शायरी
जीत और हार पर शायरी: शुक्रवार, 14 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आए। कुछ लोगों ने जीत का जश्न मनाया, जबकि अन्य को हार का सामना करना पड़ा। यह जीवन का एक हिस्सा है – कभी जीत, कभी हार।
हार से सीखें और अगली बार और अधिक मेहनत से मैदान में उतरें। इस हार-जीत के मौके पर हम आपके लिए बेहतरीन शायरी लेकर आए हैं, जो न केवल हौसला बढ़ाएगी बल्कि दिल को भी सुकून देगी। राहत इंदौरी से लेकर मंजर भोपाली तक – ये शेर आपके दिल को छू जाएंगे।
इसी होनी को तो क़िस्मत का लिखा कहते हैं
जीतने का जहां मौक़ा था वहीं मात हुई
मंज़र भोपाली की शायरी
हार को जीत के इम्कान से बांधे हुए रख
अपनी मुश्किल किसी आसान से बांधे हुए रख
अज़लान शाह की शायरी
जीत की और न हार की ज़िद है
दिल को शायद क़रार की ज़िद है
अलीना इतरत की शायरी
मिलों के शहर में घटता हुआ दिन सोचता होगा
धुएं को जीतने वालों का सूरज दूसरा होगा
फ़ज़्ल ताबिश की शायरी
मैं तो बाज़ी हार कर बे-फ़िक्र हो कर चल दिया
जीतने वालों को चसका लग गया अच्छा नहीं
वफ़ा सिद्दीक़ी की शायरी
सब जीतने की ज़िद पे यहां हारने लगे
सदियों से कोई शख़्स सिकंदर नहीं हुआ
वफ़ा नक़वी की शायरी
उलझनें इतनी थीं मंज़र और पस-मंज़र के बीच
रह गई सारी मसाफ़त मील के पत्थर के बीच
हुसैन ताज रिज़वी की शायरी
वो इस कमाल से खेला था इश्क़ की बाज़ी
मैं अपनी फ़तह समझता था मात होने तक
ताजदार आदिल
मासूम अंसारी की शायरी
हाथ आई हुई बाज़ी पे बहुत नाज़ न कर
जीतने वाले तुझे मात भी हो सकती है
राहत इंदौरी की शायरी
सूरज से जंग जीतने निकले थे बेवक़ूफ़
सारे सिपाही मोम के थे घुल के आ गए
फ़रहत एहसास की शायरी
जीतने का न कोई शौक़ न तौफ़ीक़ हमें
लेकिन इस तरह तो हारे भी नहीं जा सकते
गुहर खैराबादी की शायरी
मैं क़त्ल हो के ज़माने में सरफ़राज़ रहा
कि मेरी जीत का पहलू भी मेरी हार में था
नज़ीर मेरठी की शायरी
हमेशा ये ही तो होता रहा है मेरे अज़ीज़
किसी की जीत तो कोई किसी से हार गया
राहत इंदौरी की शायरी
जुगनुओं ने फिर अँधेरों से लड़ाई जीत ली
चाँद सूरज घर के रौशन-दान में रक्खे रहे
जमील मलिक की शायरी
मैदां में हार जीत का यूं फ़ैसला हुआ
दुनिया थी उन के साथ हमारा ख़ुदा हुआ
राना आमिर लियाक़त की शायरी
जीत और हार का इम्कान कहाँ देखते हैं
गाँव के लोग हैं नुक़सान कहाँ देखते हैं
वाली आसी की शायरी
हम हार गए तुम जीत गए हम ने खोया तुम ने पाया
इन छोटी छोटी बातों का हम कोई ख़याल नहीं करते
सौलत ज़ैदी की शायरी
उल्फ़त में हार जीत का लगता नहीं पता
वो शर्त जो लगी भी नहीं थी लगी रही
शायरी का महत्व
अगर आपको ये शायरी पसंद आई हो, तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ साझा करें। हार-जीत तो जीवन का हिस्सा है, लेकिन हौसला कभी नहीं हारना चाहिए!