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जोधपुर के सतीश माथुर का निधन: एक सरल और सहृदय व्यक्तित्व की याद

जोधपुर के अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी सतीश माथुर का 5 जून को निधन हो गया। वे अपने सरल स्वभाव और सहृदयता के लिए जाने जाते थे। उनकी चार पुत्रियों ने परंपराओं को तोड़ते हुए उन्हें मुखाग्नि दी, जो समाज में समानता का प्रतीक बनीं। परिवार के सदस्यों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की, जिसमें उनके साहस और हौसले की प्रशंसा की गई। इस लेख में उनके जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं और उनके परिवार की प्रेरणादायक कहानी का जिक्र किया गया है।
 

सतीश माथुर का निधन

जोखिम और प्रावधायी निधि विभाग जोधपुर के अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी सतीश माथुर का 5 जून को निधन हो गया। वे अपने जीवन में सरलता और सौम्यता के प्रतीक थे। सतीश माथुर का स्वभाव न केवल सौम्य था, बल्कि उनकी मुस्कान में गहरी मानवता और सहृदयता की झलक मिलती थी। उनके साथ बिताए हर पल में एक अद्भुत शांति और सहजता का अनुभव होता था, जो उनके आस-पास के लोगों के लिए एक अनमोल उपहार था।


उनकी चार पुत्रियां - भाविका, डॉली, वीनस और प्रज्ञा - भी अपने पिता की तरह सेवाभाव से भरी हुई हैं। ये बहनें समाज में बेटे और बेटियों के बीच समानता का प्रतीक हैं, जिन्होंने पारंपरिक बंदिशों को तोड़ते हुए अपने पिता को मुखाग्नि दी। उनकी यह पहचान केवल परंपरा की सीमाओं में नहीं बंधी, बल्कि उनके भीतर की मजबूती, हिम्मत और प्यार की अभिव्यक्ति थी, जिसने सभी के दिलों को छू लिया।


शोक में डूबे परिवार के सदस्य - अनीता, रमेश, अलका, गिरीश, प्रेमलता, भुवन, संरचना, रक्षित, डॉ. गरिमा, महेंद्र, अजय, अंकित, अहान और नमस्या - ने अपने दिवंगत प्रियजन को श्रद्धांजलि अर्पित की। इन सभी के चेहरों पर गहरी वेदना के साथ-साथ इन बहनों के साहस और हौसले को नमन करने वाली गर्व की झलक भी स्पष्ट दिखाई दे रही थी।