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झारखंड में नए फ्लाईओवर का उद्घाटन, मुख्यमंत्री ने किया नामकरण

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची में एक नए फ्लाईओवर का उद्घाटन किया, जो 2.34 किलोमीटर लंबा है और 355.76 करोड़ रुपये की लागत से बना है। इस फ्लाईओवर का नाम पूर्व केंद्रीय मंत्री कार्तिक उरांव के नाम पर रखा गया है। उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री ने विकास और पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया। यह फ्लाईओवर यातायात में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे यात्रा का समय काफी कम होगा। जानें इस परियोजना के बारे में और क्या खास है।
 

मुख्यमंत्री का उद्घाटन समारोह

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को रांची में मेकॉन चौक डोरंडा से सिरमटोली के बीच बने नए फोर लेन फ्लाईओवर और एलिवेटेड रोड का उद्घाटन किया। यह फ्लाईओवर 2.34 किलोमीटर लंबा है और इसका निर्माण झारखंड सरकार के पथ निर्माण विभाग द्वारा 355.76 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है।


फ्लाईओवर का महत्व

यह रांची में एक साल के भीतर जनता को समर्पित किया गया दूसरा फ्लाईओवर है। इस फ्लाईओवर के रैंप से जुड़े विवाद के कारण बुधवार को कई आदिवासी संगठनों ने झारखंड बंद का ऐलान किया था, लेकिन इसके अगले दिन ही मुख्यमंत्री ने इसका उद्घाटन कर सबको आश्चर्यचकित कर दिया।


नामकरण और विकास की बातें

सीएम ने इस फ्लाईओवर का नाम पूर्व केंद्रीय मंत्री और आदिवासी नेता कार्तिक उरांव के नाम पर रखने की घोषणा की। उद्घाटन समारोह में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार उन राजनीतिक दलों की तरह नहीं है जो केवल सस्ती लोकप्रियता के लिए बड़े वादे करते हैं।


पर्यावरण संरक्षण की अपील

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार गांव और शहर दोनों के विकास पर समान रूप से ध्यान दे रही है। इस अवसर पर पर्यावरण दिवस समारोह का आयोजन भी किया गया, जिसमें उन्होंने सभी से पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करने की अपील की।


फ्लाईओवर की विशेषताएँ

फ्लाईओवर के उद्घाटन समारोह में पथ निर्माण सचिव ने बताया कि इस फ्लाईओवर का मुख्य आकर्षण रेलवे लाइन के ऊपर बना 132 मीटर का केबल स्टे ब्रिज है। यह झारखंड का पहला फ्लाईओवर है जिसमें केबल स्टे ब्रिज का निर्माण किया गया है।


यातायात में सुधार

इस परियोजना के तहत, भारी ट्रैफिक के दौरान जो दूरी लोग 20 से 30 मिनट में तय करते थे, वह अब केवल 3 से 4 मिनट में पूरी हो सकेगी। इस कॉरिडोर से रांची के विभिन्न इलाकों में ट्रैफिक में लगभग 40 प्रतिशत की कमी आने की उम्मीद है।


परियोजना का शिलान्यास

इस परियोजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 19 अगस्त, 2022 को किया था और इसे तीन साल से कम समय में पूरा किया गया। इस कार्यक्रम में राज्य के श्रम एवं नियोजन मंत्री संजय यादव, कृषि एवं पशुपालन मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, राज्यसभा सांसद महुआ माजी और मुख्य सचिव अलका तिवारी सहित कई प्रमुख लोग उपस्थित थे।