टांगरी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, लेकिन बाढ़ से बचाव में सफल
टांगरी नदी का जलस्तर: खतरे के निशान से ऊपर
टांगरी नदी का जलस्तर: हरियाणा में टांगरी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है: बीती रात को यह जलस्तर 9.5 फुट तक पहुंच गया, जो लगभग (20,900 cusec) पानी का संकेत देता है। यह सामान्य खतरे के निशान 7 फुट (15,400 cusec) से काफी अधिक है। अम्बाला छावनी के कई क्षेत्र जैसे न्यू टैगोर गार्डन, प्रभु प्रेमपुरम और करधान इस स्तर पर जलमग्न हो जाते थे।
हालांकि, इस बार स्थिति भिन्न रही। पानी का प्रवाह नियंत्रित रहा और किसी भी कॉलोनी में जलभराव नहीं हुआ। इसका श्रेय हरियाणा सिंचाई विभाग को जाता है, जिसने समय पर नदी की खुदाई का कार्य आरंभ किया था।
सिंचाई विभाग की तैयारी ने शहर को बचाया
सिंचाई विभाग की तैयारी ने बचाया शहर: श्रुति चौधरी, सिंचाई मंत्री, ने बताया कि बारिश शुरू होने से पहले ही विभाग ने नदी के तल को गहरा और चौड़ा करने का कार्य आरंभ कर दिया था। हालांकि बारिश के कारण कार्य पूरा नहीं हो पाया, लेकिन जितना काम हुआ, उससे नदी की जल निकासी क्षमता में काफी सुधार आया।
6 अगस्त को सुबह 11 बजे नदी में (11,000 cusec) पानी था, जो शाम तक (15,400 cusec) और रात तक (20,900 cusec) हो गया। पहले ऐसे हालात में करोड़ों का नुकसान होता था, लेकिन इस बार विभाग की सूझबूझ से संकट टल गया।
अम्बाला की कॉलोनियों को मिली राहत
अम्बाला की कॉलोनियों को मिली राहत: अम्बाला छावनी की कॉलोनियों में पहले बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती थी। न्यू एकता विहार, रामपुर, सरसेहड़ी जैसे इलाकों में पानी भर जाता था। लेकिन इस बार (टांगरी नदी खतरे का निशान) पार होने के बावजूद कोई जलभराव नहीं हुआ।
यह दर्शाता है कि यदि समय पर योजना बनाई जाए और उसे लागू किया जाए, तो प्राकृतिक आपदाओं से बचा जा सकता है। (हरियाणा बाढ़ अलर्ट) के बावजूद शहर सुरक्षित रहा, जो प्रशासन की सक्रियता का प्रमाण है।