टीटीपी और बीएलए का गठबंधन: पाकिस्तान में आतंकवाद की नई लहर
टीटीपी और बीएलए का खौफ
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने एकजुट होकर पाकिस्तानी सेना को समाप्त करने की कसम खाई है। इन दोनों संगठनों का आतंक बलूचिस्तान में इतना बढ़ गया है कि पाकिस्तानी सेना को कई बार अपनी चौकियां छोड़कर भागना पड़ा है। नवंबर 2022 में टीटीपी ने सरकार के साथ युद्धविराम समाप्त कर दिया, जिसके बाद से पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में तेजी आई है, विशेषकर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में।
टीटीपी को पाकिस्तानी सरकार 'फितना-अल-ख्वारिज' के नाम से जानती है।
टीटीपी की नई योजनाएँ
टीटीपी ने 2026 के लिए एक नई संगठनात्मक संरचना की घोषणा की है, जिसमें एक वायु सेना इकाई की स्थापना की योजना भी शामिल है। यह इस्लामाबाद के खिलाफ अपनी शत्रुता को बढ़ाने का संकेत है।
नए निगरानी क्षेत्र: टीटीपी ने दो नए क्षेत्रों का गठन किया है, जिनका नाम पश्चिमी क्षेत्र (बलूचिस्तान) और मध्य क्षेत्र है। इन क्षेत्रों के अपने-अपने सैन्य कमांडर नियुक्त किए गए हैं।
शैडो प्रोविनेंस: टीटीपी के प्रशासनिक नियंत्रण में नए प्रांतों में कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान शामिल हैं।
मिलिट्री जोन लीडरशिप: सभी सैन्य क्षेत्रों में नेतृत्व में बदलाव किया गया है। विशेष रूप से, एहसानुल्लाह इपी को दक्षिणी सैन्य क्षेत्र का प्रमुख बनाया गया है।
प्रमुख नियुक्तियाँ: अजमतुल्लाह मेहसूद ने मौलवी फकीर मुहम्मद के स्थान पर राजनीतिक आयोग के नेता का पदभार संभाला है।
वायु सेना संचालन: टीटीपी ने सलीम हक्कानी के नेतृत्व में अपनी वायु सेना के गठन की घोषणा की है।