ट्रंप की टैरिफ नीति से अमेरिका में महंगाई और बेरोजगारी में वृद्धि
टैरिफ का प्रभाव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर टैरिफ लागू किया है, जिसे उन्होंने अमेरिका के लिए आवश्यक बताया। इस नीति के कारण कई देशों के साथ अमेरिका के रिश्ते बिगड़ गए हैं, और मामला अदालत में भी पहुंच गया है। हालांकि, ट्रंप ने टैरिफ को लेकर अपने रुख में कोई बदलाव नहीं किया है। रिपोर्टों के अनुसार, इन टैरिफ के कारण अमेरिका को भी नुकसान हो रहा है, और ट्रंप अपने देश में आलोचना का सामना कर रहे हैं।
महंगाई और बेरोजगारी की समस्या
महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों के चलते ट्रंप की स्थिति कमजोर होती जा रही है। अगस्त में अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य में पिछले सात महीनों में सबसे बड़ी वृद्धि देखी गई है। खाद्य और आवास की बढ़ती लागत के कारण महंगाई दर में वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह स्थिति जारी रही, तो अमेरिका मंदी के दौर में प्रवेश कर सकता है।
महंगाई दर में वृद्धि
अगस्त में महंगाई दर पिछले वर्ष की तुलना में 2.9 प्रतिशत बढ़ी है। मुख्य महंगाई दर, जिसमें खाद्य और ऊर्जा को छोड़ दिया गया है, 3.1 प्रतिशत है। अमेरिका ने महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए कई उपाय किए हैं, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि टैरिफ के कारण आयातित सामानों की कीमतों में वृद्धि हुई है, जिससे आम जनता प्रभावित हो रही है।
खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि
श्रम विभाग के अनुसार, पिछले महीने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में 0.4% की वृद्धि हुई, जो जनवरी के बाद से सबसे बड़ी वृद्धि है। खाद्य पदार्थों की कीमतों में 0.5% और सुपरमार्केट में 0.6% की वृद्धि हुई है। फलों और सब्जियों की कीमतों में 1.6% की वृद्धि हुई है, जबकि टमाटर, सेब, केले और बीफ की कीमतों में भी वृद्धि देखी गई है।
बेरोजगारी में वृद्धि
रिपोर्टों के अनुसार, नौकरियों के अवसरों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। सरकार ने कहा है कि मार्च तक के 12 महीनों में गैर-कृषि क्षेत्र में 9,11,000 नौकरियों की वृद्धि हो सकती है। हालाँकि, अगस्त में रोजगार वृद्धि लगभग ठप रही है, और टैरिफ के कारण पिछले साल की तुलना में नौकरियों में कमी आई है।