×

ट्रंप की ब्रिक्स देशों को टैरिफ धमकी: भारत पर प्रभाव और व्यापार समझौते की स्थिति

ब्रिक्स समिट 2025 के दौरान पीएम मोदी ने महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की, जिससे अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को टैरिफ लगाने की धमकी दी। इस लेख में हम जानेंगे कि यह धमकी भारत पर कैसे असर डाल सकती है और अमेरिका-भारत व्यापार समझौते की स्थिति क्या है। क्या भारत इस चुनौती का सामना कर पाएगा? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
 

ब्रिक्स समिट 2025 और अमेरिका की प्रतिक्रिया

ब्रिक्स समिट 2025: हाल ही में ब्राजील में आयोजित ब्रिक्स समिट के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक मुद्दों पर महत्वपूर्ण संदेश दिए। इस बीच, अमेरिका ब्रिक्स के बढ़ते समर्थन से चिंतित नजर आ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि जो भी ब्रिक्स देश अमेरिका के खिलाफ नीतियों का समर्थन करेंगे, उन पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। इस स्थिति का भारत पर क्या असर होगा? और क्या इससे अमेरिका और भारत के बीच व्यापार समझौते पर कोई प्रभाव पड़ेगा? आइए इस पर एक नज़र डालते हैं।


चीन की प्रतिक्रिया और भारत की स्थिति

ब्रिक्स देशों की संख्या में वृद्धि से चीन चिंतित है। इस समिट में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शामिल नहीं हुए। भारत की मजबूत उपस्थिति ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया, जिससे ट्रंप की चिंता बढ़ गई। पीएम मोदी ने यूएनएससी में सुधार, वैश्विक दक्षिण और टैरिफ नीतियों पर महत्वपूर्ण बयान दिए, जो अमेरिका को असहज कर गए। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि ब्रिक्स के किसी भी सदस्य देश पर यह टैरिफ नियम लागू होगा, चाहे वह कोई भी देश हो।


अमेरिका की प्रतिक्रिया पर भारत का दृष्टिकोण

जॉइंट अनाउंसमेंट से अमेरिका की चिंता: यह माना जा रहा है कि ट्रंप की धमकी भारत के लिए विशेष रूप से थी। भारत ने आतंकवादी हमलों को वैश्विक मंच पर उठाने, यूएन काउंसिल में सुधार की बात करने और वैश्विक दक्षिण के मुद्दों पर चर्चा करने का प्रयास किया है, जो अमेरिका को नागवार गुजरा। पीएम मोदी ने डब्ल्यूटीओ की भूमिका पर भी सवाल उठाए, यह कहते हुए कि टैरिफ लगाना विश्व आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित कर सकता है।


भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की स्थिति

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता अब अंतिम चरण में है और इसे कभी भी अंतिम रूप दिया जा सकता है। ट्रंप के बयान ने स्थिति को भ्रमित कर दिया है। उन्होंने सभी देशों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की बात की है, जिसमें भारत भी शामिल है। सूत्रों के अनुसार, भारत ने चावल, डेयरी, गेहूं और आनुवांशिक रूप से संशोधित फसलों के लिए समझौता करने से इनकार कर दिया है, जबकि श्रम प्रधान क्षेत्रों के समर्थन के लिए उचित समझौते की बात की है।