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डोनाल्ड ट्रंप का ईरान के विदेश मंत्री पर कड़ा जवाब

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची के बयान पर कड़ा जवाब दिया है। ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी कि यदि उन्होंने अपने परमाणु कार्यक्रम को फिर से शुरू किया, तो अमेरिका हमले करेगा। उन्होंने मीडिया हाउस, विशेषकर CNN, को भी फटकार लगाई। जानें इस संघर्ष के पीछे की कहानी और ट्रंप का ईरान के प्रति क्या रुख है।
 

ट्रंप का ईरान पर कड़ा रुख

डोनाल्ड ट्रंप का पलटवार: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया दी है। ट्रंप ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को फिर से शुरू किया या परमाणु बम बनाने की कोशिश की, तो अमेरिका एक बार फिर से हमले करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान के परमाणु ठिकाने अमेरिकी बमबारी में पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं।


मीडिया पर ट्रंप की टिप्पणी

मीडिया हाउस के बारे में क्या कहा?


ट्रंप ने CNN को फटकार लगाते हुए कहा कि इस चैनल को अपने फर्जी रिपोर्टर को तुरंत बर्खास्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें मुझसे और उन पायलटों से माफी मांगनी चाहिए, जिन्होंने ईरान के परमाणु ठिकानों को नष्ट किया। ट्रंप ने यह भी बताया कि CNN और MSDNC की रेटिंग में भारी गिरावट आई है।


ईरान के विदेश मंत्री का बयान

ईरान के विदेश मंत्री ने क्या कहा था?


ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने एक टीवी इंटरव्यू में स्वीकार किया कि अमेरिका की बमबारी से उनके परमाणु संयंत्रों को काफी नुकसान हुआ है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उनका परमाणु कार्यक्रम जारी रहेगा। यह पहली बार है जब ईरान ने हमले में हुए नुकसान को स्वीकार किया है। ट्रंप ने उन मीडिया हाउस को भी जवाब दिया, जिन्होंने यह दावा किया था कि ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हमले का कोई असर नहीं पड़ा।


अमेरिका और ईरान के बीच संघर्ष

अमेरिका ने किया था ईरान पर हमला


12 जून को इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया, जिसका समर्थन अमेरिका ने किया। ईरान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए इजरायल पर हमला किया। इस दौरान दोनों देशों के बीच लगभग 12 दिन तक संघर्ष चला। अमेरिका ने ईरान से परमाणु हथियार न बनाने का वादा करने और सीजफायर करने को कहा, लेकिन ईरान ने इसे मानने से इनकार कर दिया।


अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी की, जिसमें ईरान के तीन बड़े परमाणु ठिकाने ध्वस्त हो गए। इसके बाद ईरान ने अमेरिका के सैन्य ठिकानों पर हमला किया। ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी कि यदि उन्होंने फिर से परमाणु कार्यक्रम शुरू किया, तो अमेरिका फिर से हमला करेगा। इस बीच, कतर की मध्यस्थता से ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर करवा दिया गया।