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डोनाल्ड ट्रंप का दावा: भारत-पाकिस्तान युद्ध को रोका

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से दावा किया है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध को रोका। उन्होंने कहा कि उन्होंने व्यापार समझौते और टैरिफ की धमकी का उपयोग किया। हालांकि, भारत ने इस दावे को खारिज कर दिया है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब पीएम मोदी चीन के दौरे पर जाने वाले हैं। जानें इस विवादास्पद बयान के पीछे की कहानी।
 

ट्रंप का विवादास्पद बयान

वॉशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में यह दावा किया है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध को टालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ट्रंप के अनुसार, जब दोनों देशों के बीच तनाव अपने चरम पर था, तब उन्होंने व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप कर युद्धविराम स्थापित किया।


ट्रंप ने एक बयान में कहा कि उन्होंने इस तनाव को कम करने के लिए व्यापार समझौते और भारी टैरिफ लगाने की धमकी का सहारा लिया। उन्होंने कहा, 'मैंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और पाकिस्तान के साथ स्थिति के बारे में पूछा। दोनों देशों के बीच गहरी नफरत थी।'


उन्होंने आगे कहा, 'मैंने कहा कि मैं आपके साथ कोई व्यापार समझौता नहीं करना चाहता... आप लोग परमाणु युद्ध में उलझ सकते हैं। मैंने कहा, मुझे कल फिर फोन करना, लेकिन हम कोई समझौता नहीं करेंगे और आप पर ऐसे टैरिफ लगाएंगे कि आपका सिर घूम जाएगा... और लगभग 5 घंटे के भीतर, सब कुछ शांत हो गया।' ट्रंप ने यह भी जोड़ा, 'शायद यह फिर से शुरू हो जाए। मुझे नहीं लगता, लेकिन अगर ऐसा हुआ तो मैं इसे रोक दूंगा।'


भारत ने खारिज किया ट्रंप का दावा

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने ऐसा दावा किया है; वह अब तक 30 से अधिक बार यह बात दोहरा चुके हैं। भारत ने हमेशा उनके इस दावे को खारिज किया है। भारत का आधिकारिक रुख स्पष्ट है कि दोनों देशों के सेनाओं के महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच सीधी बातचीत के बाद तनाव कम हुआ था और 'ऑपरेशन सिंदूर' को केवल स्थगित किया गया था।


बयान का समय और महत्व

दिलचस्प बात यह है कि ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही चीन के दौरे पर जाने वाले हैं, जहां वह शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इस सम्मेलन में लगभग 20 प्रमुख वैश्विक नेता शामिल होंगे, और पीएम मोदी की इस यात्रा से अंतरराष्ट्रीय समीकरणों में महत्वपूर्ण बदलाव की उम्मीद की जा रही है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि अमेरिका पहले ही भारत पर 50 प्रतिशत की टैरिफ दर लागू कर चुका है।