डोनाल्ड ट्रम्प का जलवायु परिवर्तन पर विवादास्पद बयान
जलवायु परिवर्तन पर ट्रम्प का दृष्टिकोण
जलवायु परिवर्तन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने पहले संबोधन में जलवायु परिवर्तन को "दुनिया का सबसे बड़ा धोखा" बताया। उन्होंने इसे अवैध विचार के रूप में पेश किया और ग्रीन नीतियों को छोड़ने की सलाह दी। ट्रम्प ने यूएन की आलोचना करते हुए इसे अप्रभावी करार दिया और प्रवास, जैविक हथियारों, तथा ईरान के परमाणु खतरे पर भी चेतावनी दी। उनके इस बयान ने वैश्विक मंच पर नई बहस को जन्म दिया है.
ट्रम्प का विवादास्पद बयान
यह पहली बार था जब ट्रम्प ने 2020 के बाद यूएनजीए को संबोधित किया, और उनके बयान ने वैश्विक नेताओं के बीच हलचल मचा दी। उनका यह दृष्टिकोण न केवल पर्यावरण नीतियों पर सवाल उठाता है, बल्कि यूएन की भूमिका और वैश्विक मुद्दों पर भी गंभीर चिंताएं व्यक्त करता है.
जलवायु परिवर्तन को मूर्खता का विचार बताना
जलवायु परिवर्तन मूर्खों का विचार
ट्रम्प ने जलवायु परिवर्तन को "मूर्खों का विचार" कहा। उन्होंने 1982 में यूएन पर्यावरण कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक द्वारा की गई एक भविष्यवाणी का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया था कि 2000 तक जलवायु परिवर्तन से अपरिवर्तनीय तबाही होगी, लेकिन यह भविष्यवाणी गलत साबित हुई। ट्रम्प का कहना है कि ऐसी गलत भविष्यवाणियां देशों को गुमराह करती हैं और उनकी प्रगति को बाधित करती हैं.
यूएन की कार्यप्रणाली पर सवाल
यूएन की नाकामी पर सवाल
ट्रम्प ने यूएन की कार्यप्रणाली पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि यह संगठन अपनी क्षमता के अनुसार काम नहीं कर रहा और इसके शब्द "खोखले" हैं। ट्रम्प ने यूएन पर पश्चिमी देशों के खिलाफ हमले को वित्तीय मदद देने का आरोप लगाया, खासकर प्रवासियों को नकद कार्ड देने के लिए. उन्होंने यूएन को युद्ध समाधान में असफल बताया.
प्रवास और सुरक्षा पर चेतावनी
प्रवास और सुरक्षा पर चेतावनी
प्रवास नीतियों पर ट्रम्प ने यूरोप को निशाने पर लिया। उन्होंने लंदन के मेयर सादिक खान को "भयानक" बताया और यूरोप की प्रवास नीतियों को पश्चिमी यूरोप के लिए खतरा करार दिया। साथ ही, उन्होंने जैविक हथियारों को दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया और ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने की बात कही.
नया वैश्विक दृष्टिकोण
नया वैश्विक दृष्टिकोण
ट्रम्प का यह भाषण वैश्विक कूटनीति में उनके पुराने दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसमें वह अमेरिका को प्राथमिकता देते हैं। उन्होंने यूएन से वैश्विक समस्याओं, खासकर युद्धों, को हल करने में सक्रिय भूमिका निभाने की मांग की। उनके बयान ने जलवायु परिवर्तन और प्रवास जैसे मुद्दों पर वैश्विक सहमति को चुनौती दी है, जिससे नई बहस शुरू हो सकती है.