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डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद भारतीयों की अमेरिका से वापसी में तेजी

डोनाल्ड ट्रम्प के पुनः राष्ट्रपति बनने के बाद से भारतीय नागरिकों की अमेरिका से वापसी में तेजी आई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2025 में प्रतिदिन औसतन 8 भारतीयों को वापस भेजा जा रहा है। भारत के विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 से 2025 के बीच कुल 7,244 भारतीयों को अमेरिका से निर्वासित किया गया। इस लेख में जानें कि कैसे ट्रम्प प्रशासन की सख्त नीतियों ने इस प्रवास को प्रभावित किया है और किन राज्यों से सबसे अधिक लोग वापस भेजे गए हैं।
 

भारतीय नागरिकों की अमेरिका से वापसी में वृद्धि

जनवरी 2025 में डोनाल्ड ट्रम्प के पुनः अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद से भारतीय नागरिकों की अमेरिका से जबरन वापसी में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। यह स्पष्ट है कि अमेरिका में प्रवास कानूनों को पहले से कहीं अधिक सख्ती से लागू किया जा रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2020 से 2024 के बीच प्रतिदिन औसतन 3 भारतीयों को वापस भेजा जाता था, जबकि 2025 में यह संख्या बढ़कर लगभग 8 हो गई है.


पांच वर्षों में 7,244 भारतीयों की वापसी

भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2020 से जुलाई 2025 के बीच कुल 7,244 भारतीयों को विभिन्न कारणों से अमेरिका से वापस भेजा गया। इनमें से लगभग 1,703 लोगों को ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद केवल छह महीनों में ही निर्वासित किया गया। यह संकेत करता है कि ट्रम्प प्रशासन के आने के साथ ही अमेरिका ने प्रवासियों के प्रति अपनी नीति को और अधिक सख्त बना दिया है.


वीज़ा मिलने के बाद भी निगरानी

26 जून को अमेरिकी विदेश विभाग ने स्पष्ट किया कि वीज़ा केवल एक बार की प्रक्रिया नहीं है। उन्होंने बताया कि वीज़ा धारकों की नियमित निगरानी की जाती है, और यदि वे अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन करते हैं, तो उनका वीज़ा रद्द कर दिया जाएगा। यह चेतावनी केवल अवैध प्रवासियों के लिए नहीं, बल्कि वैध वीज़ा धारकों के लिए भी थी.


अवैध प्रवासियों के लिए सख्त संदेश

अमेरिका ने अवैध प्रवासियों के लिए सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि अब कानूनों को पहले से कहीं अधिक सख्ती से लागू किया जा रहा है। अवैध तरीके से प्रवेश करने वालों को हिरासत में लिया जाएगा और उनके नाम रिकॉर्ड में स्थायी रूप से दर्ज किए जाएंगे, जिससे भविष्य में वीज़ा मिलने की संभावना समाप्त हो जाएगी.


विशेष उड़ानों से बड़ी संख्या में वापसी

2025 में निर्वासित किए गए 1,703 भारतीयों में से 864 को सरकारी चार्टर्ड और सैन्य विमानों के माध्यम से वापस भेजा गया। इनमें से 333 लोगों को अमेरिकी बॉर्डर सुरक्षा बलों ने फरवरी में तीन अलग-अलग दिनों में सैन्य उड़ानों द्वारा भारत भेजा। इसके अलावा, अमेरिका की इमिग्रेशन और कस्टम्स एजेंसी ICE ने मार्च और जून में कुल 231 भारतीयों को चार्टर्ड फ्लाइट्स से भेजा.


बेड़ियों में बांधकर वापसी

इन जबरन निकाले गए लोगों में से 747 को वाणिज्यिक उड़ानों से भेजा गया। ये लोग अकेले या छोटे समूहों में लौटे। विदेश मंत्रालय ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि निर्वासन की प्रक्रिया 'मानवीय' हो, हालांकि कई मामलों में महिलाओं और बच्चों को बेड़ियों में रखा गया, जो एक संवेदनशील मुद्दा है.


पंजाब और हरियाणा का प्रमुख योगदान

2025 में अमेरिका से वापस भेजे गए भारतीयों में से लगभग 90% केवल पांच राज्यों से थे। पंजाब से 620 और हरियाणा से 604 लोग निकाले गए, जिससे इन दोनों राज्यों का कुल हिस्सा 70% से अधिक हो गया। गुजरात से 245, उत्तर प्रदेश से 38 और गोवा से 26 लोग वापस भेजे गए.


अन्य राज्यों की स्थिति

अन्य राज्यों में महाराष्ट्र और दिल्ली से 20-20, तेलंगाना से 19, तमिलनाडु से 17 और आंध्र प्रदेश व उत्तराखंड से 12-12 लोगों को निर्वासित किया गया। कर्नाटक से केवल 5 लोगों को वापस भेजा गया, जो यह दर्शाता है कि अवैध प्रवासन की समस्या कुछ विशेष राज्यों में अधिक केंद्रित है.