ड्रोन के कारण कोपेनहेगन और ओस्लो एयरपोर्ट पर उड़ानें प्रभावित
ड्रोन के कारण हवाई अड्डों पर अफरा-तफरी
ड्रोन गतिविधियों से हवाई यात्रा में बाधा: डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन और नॉर्वे की राजधानी ओस्लो के हवाई अड्डों पर सोमवार रात और मंगलवार सुबह ड्रोन देखे जाने के कारण स्थिति गंभीर हो गई। सुरक्षा कारणों से दोनों एयरपोर्ट को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा, जिससे यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और उड़ानों का संचालन घंटों तक बाधित रहा।
स्थानीय समयानुसार सोमवार रात लगभग 8:30 बजे कोपेनहेगन एयरपोर्ट के आस-पास दो से तीन संदिग्ध ड्रोन देखे गए। एयरपोर्ट की प्रवक्ता लीसे एगरले कुरस्टेन ने बताया कि ड्रोन के कारण हवाई अड्डे को तुरंत बंद करना पड़ा और उड़ानों को अन्य स्थानों पर भेजा गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि एयरपोर्ट कब सामान्य रूप से खुलेगा।
उड़ानों का डायवर्जन
उड़ानों को किया गया डायवर्ट
फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट फ्लाइटराडार24 के अनुसार, देर रात तक 50 से अधिक उड़ानों को डायवर्ट करना पड़ा। कुछ विमान डेनमार्क के अन्य हवाई अड्डों की ओर भेजे गए, जबकि कई उड़ानों को स्वीडन के गॉथेनबर्ग और माल्मो एयरपोर्ट की ओर मोड़ा गया। लगभग 12:20 बजे एयरपोर्ट को फिर से खोला गया, लेकिन मंगलवार सुबह तक देरी और रद्दीकरण का सिलसिला जारी रहा। कोपेनहेगन पुलिस की ड्यूटी ऑफिसर एनेट ऑस्टनफेल्ड ने बताया कि एयरपोर्ट के ऊपर अब भी तीन से चार बड़े ड्रोन उड़ते देखे गए हैं।
ओस्लो एयरपोर्ट पर ड्रोन गतिविधि
ओस्लो के एयरपोर्ट पर दिखे ड्रोन
इसी बीच, नॉर्वे की राजधानी ओस्लो के एयरपोर्ट पर भी मंगलवार सुबह ड्रोन देखे जाने के कारण एयरस्पेस को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया। वहां आने वाली उड़ानों को नजदीकी हवाई अड्डों की ओर मोड़ा गया। नॉर्वेजियन पुलिस ने बताया कि दो विदेशी नागरिकों को प्रतिबंधित क्षेत्र में ड्रोन उड़ाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, लेकिन इसका कोपेनहेगन की घटना से कोई संबंध नहीं है।
ड्रोन गतिविधियों पर सतर्कता
ड्रोन गतिविधियों को लेकर सतर्कता
हाल के दिनों में यूरोप में ड्रोन गतिविधियों को लेकर सतर्कता बढ़ गई है। कुछ समय पहले रूसी ड्रोन पोलैंड और रोमानिया के हवाई क्षेत्र में दाखिल हो गए थे, जिसके बाद नाटो देशों ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया। हालांकि, डेनमार्क और नॉर्वे में हुए इस ड्रोन व्यवधान का उससे कोई सीधा संबंध नहीं माना जा रहा है। इससे पहले भी यूरोप के कई एयरपोर्ट ड्रोन गतिविधियों से प्रभावित हो चुके हैं। 2018 में लंदन के गैटविक एयरपोर्ट पर ड्रोन के कारण हजारों यात्री फंस गए थे और सैकड़ों उड़ानें बाधित हुई थीं।