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तमिलनाडु में अभिनेता विजय की रैली में मची भगदड़, कई घायल

तमिलनाडु में अभिनेता विजय की रैली के दौरान भगदड़ मच गई, जिससे कई लोग बेहोश हो गए। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राहत कार्य के लिए निर्देश दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त किया है। विजय ने खुद स्थिति को संभालने का प्रयास किया। जानें इस घटना के बारे में और क्या हुआ।
 

अभिनेता विजय की रैली में भगदड़

अभिनेता विजय भगदड़: करूर में शनिवार को आयोजित तमिलगा वेट्री कझगम (TVK) प्रमुख और अभिनेता-नेता विजय की रैली एक बड़े हादसे में बदल गई. भीड़ बेकाबू हो गई और कई लोग बेहोश होकर गिर पड़े. 

इस स्थिति के कारण विजय को अपना भाषण बीच में ही रोकना पड़ा और उन्होंने पानी की बोतलें फेंककर लोगों को संभालने का प्रयास किया. इस घटना के बाद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आपात निर्देश जारी किए हैं.


सीएम स्टालिन का सख्त रुख

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की और तुरंत करूर के कलेक्टर, पूर्व मंत्री वी सेंथिल बालाजी और स्वास्थ्य मंत्री एमए सुब्रमणियन को अस्पताल पहुंचने का आदेश दिया. उन्होंने तिरुचिरापल्ली जिले से मंत्री अन्बिल महेश को भी राहत कार्य में मदद के लिए नियुक्त किया है. सीएम ने पुलिस और डॉक्टरों से लोगों की हर संभव सहायता करने का निर्देश दिया और स्थिति को 'युद्ध स्तर' पर संभालने का आदेश दिया है.


पीएम मोदी ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर ट्वीट कर कहा कि यह घटना अत्यंत दुखद है और उनकी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं. उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. विपक्षी दलों ने भी इस घटना पर चिंता व्यक्त की है. विजय ने भी बाद में भीड़ से शांति बनाए रखने की अपील की और सत्ताधारी डीएमके सरकार पर करूर एयरपोर्ट के वादे को पूरा न करने का आरोप लगाया.


विजय ने खुद संभाले हालात

विजय ने जब देखा कि भीड़ में लोग बेहोश हो रहे हैं, तो उन्होंने तुरंत अपना भाषण रोक दिया. वहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने शोर मचाकर ध्यान दिलाया कि कई लोग गिर पड़े हैं और बच्चे लापता हो सकते हैं. इसके बाद विजय ने पानी की बोतलें भीड़ की तरफ फेंकनी शुरू कर दीं और बार-बार पुलिस से मदद की अपील करते रहे.


एंबुलेंस को रास्ता बनाने में हुई मुश्किल

भीड़ इतनी घनी हो गई थी कि एंबुलेंस को रास्ता बनाने में भारी दिक्कत हुई. कई बेहोश लोगों को कार्यकर्ता और स्थानीय लोग मिलकर पास के अस्पतालों तक लेकर गए. बताया जा रहा है कि कई घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है. करूर जिले में स्थित अस्पतालों में भीड़ लग गई और डॉक्टरों को तुरंत आपात प्रबंधन करना पड़ा.