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तमिलनाडु में करूर भगदड़: मुख्यमंत्री स्टालिन ने मुआवजे और जांच आयोग की घोषणा की

तमिलनाडु के करूर में हुई भगदड़ में 41 लोगों की जान चली गई, जिसके बाद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शोक संतप्त परिवारों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की। उन्होंने घायलों को चिकित्सा सहायता का आश्वासन दिया और घटना की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया। स्टालिन ने लोगों से अफवाहें फैलाने से बचने की अपील की और भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए नियम बनाने की प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया। एनडीए का प्रतिनिधिमंडल भी घटनास्थल का दौरा करेगा।
 

करूर में हुई दुखद भगदड़

करूर भगदड़: तमिलनाडु के करूर में हुई भगदड़ में 41 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हुए हैं। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस घटना के बाद त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने शोक संतप्त परिवारों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की और घायलों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने का भरोसा दिया।


स्टालिन ने एक वीडियो संदेश में कहा कि इस दुखद घटना में बच्चों और महिलाओं सहित 41 लोगों की मृत्यु हुई है। हम शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और मुआवजा राशि तुरंत वितरित की जा रही है। घायलों को उचित चिकित्सा सुविधा दी जा रही है।


जांच आयोग का गठन

जांच आयोग का गठन


मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना के असली कारणों का पता लगाने के लिए पूर्व मुख्य न्यायाधीश अरुणा जगतीसन की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन किया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि आयोग की रिपोर्ट के आधार पर जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।


अफवाहों पर रोक

अफवाहों पर रोक


स्टालिन ने लोगों से सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने से बचने की अपील की। उन्होंने कहा कि करूर भगदड़ से संबंधित गलत सूचनाएं न फैलाएं। सभी को जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए।


एनडीए प्रतिनिधिमंडल का दौरा

एनडीए प्रतिनिधिमंडल का दौरा


इस बीच, मथुरा की सांसद हेमा मालिनी के नेतृत्व में एनडीए का एक प्रतिनिधिमंडल घटनास्थल का दौरा करेगा। यह प्रतिनिधिमंडल प्रभावित परिवारों से मुलाकात करेगा और अपने निष्कर्ष भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को सौंपेगा।


घटना की पृष्ठभूमि

घटना की पृष्ठभूमि


रविवार को अभिनेता और राजनेता विजय की रैली के दौरान भारी जनसमूह के बीच भगदड़ मच गई। विजय अपने प्रचार वाहन से जनता को संबोधित कर रहे थे, जब कई कार्यकर्ता बेहोश होकर गिरने लगे, जिससे हड़कंप मच गया। सुरक्षा कारणों से विजय ने भाषण बीच में ही रोक दिया।


मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत मुआवजे की घोषणा, घायलों का इलाज सुनिश्चित करने और जांच आयोग का गठन करने जैसी कार्रवाइयां शुरू की हैं, ताकि पीड़ितों और उनके परिवारों को न्याय मिल सके।