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तमिलनाडु में विजय की रैली में भगदड़: 41 की मौत, जनसभाएं स्थगित

तमिलनाडु में विजय की रैली के दौरान हुई भगदड़ ने 41 लोगों की जान ले ली और 60 से अधिक लोग घायल हुए। इस घटना के बाद विजय ने अपनी पार्टी की जनसभाओं को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है। विजय ने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन पर आरोप लगाया है कि यह घटना प्रतिशोध का परिणाम है। प्रशासन ने भी टीवीके पर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। इस घटना की जांच चल रही है और विपक्ष ने सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर चिंता जताई है।
 

करूर में हुई भगदड़ का असर

करूर भगदड़: तमिलनाडु की राजनीतिक स्थिति में हाल ही में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है, जब अभिनेता से राजनेता बने विजय ने अपनी पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) की जनसभाओं को अस्थायी रूप से रोकने का निर्णय लिया। करूर में उनकी रैली के दौरान हुई भगदड़ में 41 लोगों की जान चली गई और 60 से अधिक लोग घायल हुए। इस घटना के बाद विजय ने अपने राज्यव्यापी दौरे को अगले दो हफ्तों के लिए स्थगित करने का ऐलान किया।


जनसभाओं का स्थगन

टीवीके ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की कि पार्टी अपने समर्थकों के शोक में शामिल है और ऐसे समय में जनसभा का आयोजन करना उचित नहीं समझा। बयान में कहा गया कि नेता की अनुमति से आगे की तारीखों की घोषणा की जाएगी। विजय ने हाल ही में 'लोगों से मिलिए' अभियान की शुरुआत की थी और तिरुचिरापल्ली, नमक्कल और करूर का दौरा भी किया था।


राजनीतिक विवाद की शुरुआत

करूर की घटना ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। विजय ने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और उनकी पार्टी डीएमके पर सीधा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह घटना किसी प्रकार का प्रतिशोध है और वे सच्चाई को उजागर करेंगे। वीडियो संदेश में विजय ने कहा कि सरकार उनके खिलाफ जो भी कदम उठाए, लेकिन उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को परेशान नहीं किया जाना चाहिए।


सरकार की प्रतिक्रिया

तमिलनाडु प्रशासन ने विजय और उनकी पार्टी पर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भगदड़ से पहले और दौरान की परिस्थितियों के वीडियो और सबूत पेश किए। उनका कहना है कि टीवीके ने सार्वजनिक समारोह से जुड़ी कई शर्तों का पालन नहीं किया, जिससे स्थिति बिगड़ गई। इससे डीएमके और टीवीके के बीच आरोप-प्रत्यारोप और बढ़ गए हैं।


जांच और विपक्ष की प्रतिक्रिया

अधिकारियों की एक टीम इस घटना की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इतनी बड़ी त्रासदी कैसे हुई। इस बीच, एनडीए सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने घटनास्थल और अस्पतालों का दौरा किया, जिसकी अगुवाई भाजपा सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी ने की। पैनल ने रैली स्थल की व्यवस्थाओं पर चिंता जताई और कहा कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया।