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तमिलनाडु में विजय की रैली में भगदड़: क्या सुरक्षा प्रबंधन में कमी है?

तमिलनाडु के करूर में विजय की रैली के दौरान भारी भगदड़ मच गई, जिसमें कई लोग बेहोश हो गए। विजय ने स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को निर्देश दिए। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने घटना को चिंताजनक बताया और चिकित्सा सहायता का आदेश दिया। यह घटना पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता और सुरक्षा प्रबंधन की कमी पर सवाल उठाती है। क्या राजनीतिक आयोजनों में जनता की सुरक्षा को नजरअंदाज किया जा रहा है? जानें पूरी कहानी।
 

विजय की रैली में मची भगदड़

Vijay Rally Stampede:  तमिलनाडु के करूर में शनिवार को तमिलगा वेट्ट्री कज़गम (TVK) के नेता और अभिनेता विजय की रैली के दौरान भीषण भगदड़ हुई, जिसमें कई लोगों के घायल होने की आशंका जताई जा रही है। विजय के रोड शो को देखने के लिए लाखों समर्थक एकत्रित हुए, जिससे स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और अफरातफरी का माहौल बन गया।


रैली स्थल पर समर्थकों का इंतज़ार
सूत्रों के अनुसार, विजय के समर्थक रैली स्थल पर उनके आने का छह घंटे से अधिक समय तक इंतज़ार करते रहे। जैसे ही विजय मंच पर पहुंचे, लोगों में उन्हें देखने की होड़ मच गई, जिससे भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, 20 से अधिक लोग बेहोश होकर गिर पड़े, जिनमें बच्चे भी शामिल थे। सभी को मौके पर प्राथमिक चिकित्सा दी गई।


विजय ने भाषण रोका, पुलिस को दिए निर्देश
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए विजय ने अपना भाषण बीच में ही रोक दिया और मंच से ही पुलिस को निर्देश दिया कि लोगों को पानी और तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जाए। रैली से जुड़े वीडियो में विजय को यह कहते हुए देखा गया कि लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।


मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की चिंता
इस घटना पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने तुरंत संज्ञान लिया और इसे 'चिंताजनक' करार दिया। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि जो लोग भीड़ के कारण बेहोश हुए हैं, उन्हें तुरंत चिकित्सा सुविधा दी जाए। इसके साथ ही, उन्होंने पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी और मा. सुब्रमणियन को करूर भेजा, ताकि स्थिति का जायज़ा लिया जा सके। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर लिखा, 'करूर से आ रही खबरें चिंताजनक हैं। मैंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की जाए।'


पार्टी की लोकप्रियता या सुरक्षा की कमी?
यह घटना विजय की पार्टी TVK की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाती है, लेकिन यह भी स्पष्ट करती है कि इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करने में सुरक्षा प्रबंध पूरी तरह विफल रहे। समर्थकों का उत्साह इतना अधिक था कि वे विजय को देखने के लिए मंच तक पहुंचने की कोशिश में भगदड़ मचा बैठे।
यह घटना तमिलनाडु की राजनीति में एक बड़ा सवाल खड़ा करती है—क्या लोकप्रियता को सही ढंग से प्रबंधित करने के लिए पर्याप्त इंतज़ाम किए जा रहे हैं, या फिर राजनीतिक शो ऑफ में आम जनता की सुरक्षा को नजरअंदाज किया जा रहा है?