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तमिलनाडु में हिरासत में मौत: पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने उठाए गंभीर सवाल

तमिलनाडु के सिवागंगा में 27 वर्षीय बी अजित कुमार की हिरासत में हुई मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके शरीर पर दर्जनों चोटों के निशान पाए गए हैं, जो हिरासत में क्रूरता की ओर इशारा करते हैं। रिपोर्ट में आंतरिक चोटों का भी उल्लेख है, लेकिन मौत का सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं किया गया है। इसके अलावा, पोस्टमार्टम में हुई 18 घंटे की देरी ने और भी सवाल उठाए हैं। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और क्या कहती है रिपोर्ट।
 

तमिलनाडु में बी अजित कुमार की हिरासत में मौत

तमिलनाडु में हिरासत में हुई मौत: सिवागंगा में 27 वर्षीय बी अजित कुमार की हिरासत में मौत का मामला तेजी से तूल पकड़ रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने उन सभी आशंकाओं को सही ठहराया है, जिनमें कहा गया था कि अजित को हिरासत में प्रताड़ित किया गया था। रिपोर्ट में उसके शरीर पर कई बाहरी चोटों के निशान पाए गए हैं, जो हिरासत में क्रूरता की ओर इशारा करते हैं।


पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, अजित के दिमाग, दिल और पेट के अंदरूनी हिस्सों में भी रक्तस्राव के स्पष्ट संकेत मिले हैं। यह दर्शाता है कि उसे बाहरी चोटों के साथ-साथ आंतरिक चोटें भी आई थीं। हालांकि, रिपोर्ट में मौत का सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं किया गया है और इसके लिए आगे की हिस्टोपैथोलॉजिकल जांच का इंतजार किया जा रहा है। यह सवाल बना हुआ है कि इन गंभीर चोटों के बावजूद मौत का कारण क्यों स्पष्ट नहीं किया गया है।


पोस्टमार्टम में हुई देरी

18 घंटे बाद हुआ पोस्टमार्टम


सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अजित को 28 जून को रात 11:15 बजे सरकारी अस्पताल में मृत लाया गया था, लेकिन उसका पोस्टमार्टम अगले दिन यानी 29 जून को शाम 5:45 बजे से रात 9:20 बजे तक, 18 घंटे से भी अधिक समय बाद किया गया। यह पोस्टमार्टम सामान्य कार्य घंटों के बाद, देर शाम को शुरू हुआ और तीन घंटे से अधिक समय तक चला। अस्पताल प्रशासन और फॉरेंसिक सर्जनों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर पोस्टमार्टम में इतनी देरी क्यों की गई? क्या किसी सबूत को मिटाने या छिपाने की कोशिश की जा रही थी?


चोटों का विवरण

मदुरै मेडिकल कॉलेज के फॉरेंसिक विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, अजित कुमार के माथे, दाहिने गाल, भौं, दाहिने पैर, बाईं कोहनी, बांह, कलाई, टखने और ऊपरी छाती पर गहरे लाल रंग की खुरचनी (एब्रेजन) के कई निशान थे। उसके सिर के दाहिने और बाएं दोनों तरफ भी चोटें दर्ज की गईं। रिपोर्ट में इन चोटों का विवरण 44 अलग-अलग बिंदुओं में दिया गया है, जो इस बात का स्पष्ट प्रमाण हैं कि अजित को कितनी बेरहमी से पीटा गया था।


आंतरिक चोटों का खुलासा

दिल के पिछले हिस्से में ब्लीडिंग


आंतरिक जांच में, अजित के दिमाग के दोनों पैराइटल लोब में पेटेकियल ब्लीडिंग पाए गए और दिमाग के टिश्यू भी सूजे हुए थे, जो सिर में गंभीर चोट का संकेत देते हैं। इसके अलावा, दिल के बाएं वेंट्रिकल की पिछली दीवार और पेट के पास भी ब्लीडिंग पाया गया, जो शरीर के महत्वपूर्ण अंगों पर हुए हमले को दर्शाता है।


पीटने के तरीके का संकेत

क्या डंडे से पीटा गया था?


रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अजित के शरीर पर 7 सेमी से 16 सेमी तक लंबी कई सीधी चोटें (लीनियर कंट्यूजन) थीं। ये चोटें कंधों, बाहों, छाती, पीठ, पेट, जांघों, पैरों, हाथों और पैरों पर देखी गईं। रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से अधिकांश निशान समानांतर थे, ओवरलैपिंग थे, और उनमें सेंट्रल पेल जो) दिखाई दे रहे थे। ये निशान अक्सर लाठी या किसी समान वस्तु से की गई पिटाई का संकेत देते हैं, जहां बार-बार एक ही जगह पर या उसके आसपास वार किए जाते हैं।


चेहरे पर भी क्रूरता के निशान

चेहरे पर भी क्रूरता के निशान


पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अजित की बाईं ऊपरी पलक पर गहरे लाल रंग का चोट का निशान था। दोनों कानों पर सूखे खून के धब्बे और दोनों नथुनों व मुंह के दाहिने कोने पर भूरे रंग का तरल पदार्थ भी देखा गया। ये सभी निशान अजित के साथ हुई क्रूरता की कहानी बयां कर रहे हैं।