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ताजमहल के पास यमुना का जलस्तर बढ़ा, प्रशासन ने की तैयारियां

उत्तर प्रदेश के आगरा में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से ताजमहल के आसपास की स्थिति चिंताजनक हो गई है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में नदी का उफनता पानी ताजमहल के करीब दिखाई दे रहा है। प्रशासन ने बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। जानें इस स्थिति के कारण और प्रशासन की तैयारियों के बारे में।
 

यमुना का जलस्तर अभूतपूर्व स्तर पर

उत्तर प्रदेश के आगरा में यमुना नदी का जलस्तर अत्यधिक बढ़ गया है, जो अब विश्व प्रसिद्ध ताजमहल की दीवारों के करीब पहुंच चुका है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में नदी का उफनता पानी इस ऐतिहासिक स्मारक के निकट दिखाई दे रहा है, जिसने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है।


मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यमुना का बढ़ता जलस्तर ताजमहल के आसपास के घाटों और बुनियादी ढांचे को प्रभावित कर रहा है, साथ ही नदी किनारे स्थित घरों में भी पानी घुसने लगा है। स्थानीय इतिहासकार राज किशोर राजे ने कहा, 'यह स्थिति चिंताजनक है, लेकिन ताजमहल को ऐसी परिस्थितियों का सामना करने के लिए बनाया गया है।'




बाढ़ के कारण और प्रभाव

बाढ़ के क्या हैं कारण और प्रभाव!


हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के निचले हिमालयी क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ा है। जिला प्रशासन ने पुष्टि की है कि नदी का जलस्तर 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर चुका है। दशहरा घाट और यमुना कॉरिडोर के पास कई हिस्से जलमग्न हो चुके हैं, जिससे सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है।


2023 में भी यमुना का जलस्तर इसी स्तर तक पहुंचा था, लेकिन ताजमहल को कोई नुकसान नहीं हुआ था। राजे ने आश्वासन दिया कि ताजमहल का स्ट्रक्चर काफी मजबूत है और इसे प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है।


प्रशासन की तैयारियां

प्रशासन ने शुरु की तैयारियां


आगरा जिला प्रशासन ने बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए एक कंट्रोल रूम स्थापित किया है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है। यदि जलस्तर 206 मीटर को पार करता है, तो क्षेत्र में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है, जिसके लिए निकासी की तैयारियां शुरू की गई हैं।