तेज प्रताप यादव ने बहन रोहिणी का समर्थन किया, परिवार में विवाद गहरा
पटना में परिवारिक विवाद का नया मोड़
पटना: आरजेडी के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपने परिवार में चल रहे विवाद में अपनी बहन रोहिणी आचार्य का समर्थन किया है। रोहिणी ने हाल ही में अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव के सहयोगी संजय यादव पर गंभीर आरोप लगाए थे कि उन्होंने उन्हें अपमानित किया।
तेज प्रताप का रोहिणी के प्रति समर्थन
महुआ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार चुके तेज प्रताप यादव ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक विस्तृत पोस्ट साझा करते हुए अपनी बहन के पक्ष में खड़े होने की बात कही।
रोहिणी आचार्य ने आरोप लगाया था कि तेजस्वी यादव के करीबी लोगों ने उन्हें अपशब्द कहे और यह आरोप लगाया कि उन्होंने अपने बीमार पिता लालू प्रसाद को किडनी दान करने के बदले में करोड़ों रुपये और चुनावी टिकट प्राप्त किया।
उन्होंने बताया कि उन्होंने कुछ साल पहले लालू प्रसाद को अपनी किडनी दान की थी, यह निर्णय उन्होंने अपने पति और ससुराल वालों की सहमति के बिना लिया था।
तेज प्रताप का गुस्सा और जांच की मांग
तेज प्रताप यादव ने इस विवाद के लिए 'जयचंद' को जिम्मेदार ठहराया, जिसे उन्होंने गद्दारों के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि कुछ 'जयचंद' उनके माता-पिता को मानसिक और शारीरिक दबाव में डालने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इसमें कोई सच्चाई है, तो यह केवल उनके परिवार पर नहीं, बल्कि आरजेडी की आत्मा पर भी हमला है। तेज प्रताप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बिहार सरकार से इस मामले की निष्पक्ष जांच की अपील की।
एफआईआर की मांग और पार्टी में अनियमितताएं
तेज प्रताप ने सरकार से मांग की कि यदि किसी ने उनकी बहन, मां या पिता के साथ दुर्व्यवहार किया है, तो संजय यादव, रमीज नेमत खान और प्रीतम यादव पर तुरंत एफआईआर दर्ज की जाए। उन्होंने कहा कि रोहिणी के साथ जो हुआ है, उससे वह बहुत दुखी हैं।
उन्होंने पार्टी में टिकट वितरण में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कहा कि चापलूसी की राजनीति ने उन कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया है, जिन्होंने वर्षों तक आरजेडी के लिए काम किया।
रोहिणी का तेजस्वी पर हमला
रोहिणी आचार्य ने भी अपने भाई तेजस्वी यादव और उनके सहयोगी संजय यादव पर तीखा हमला किया। उन्होंने विवाहित महिलाओं को सलाह दी कि यदि उनका कोई भाई है, तो उन्हें ऐसा त्याग (किडनी दान) नहीं करना चाहिए।
उन्होंने मजाक में कहा कि उन्हें अपने भाई से अपनी किडनी या किसी हरियाणवी दोस्त की किडनी दान करने के लिए कहना चाहिए। लालू परिवार के इस विवाद ने बिहार की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है।