थाईलैंड और कंबोडिया के बीच शांति वार्ता: क्या खत्म होगा सीमा विवाद?
थाईलैंड-कंबोडिया सीमा विवाद का तनाव
Thailand Cambodia Peace Talks: दक्षिण-पूर्व एशिया के दो पड़ोसी देशों, थाईलैंड और कंबोडिया, के बीच सीमा विवाद ने लंबे समय से तनाव पैदा किया हुआ है। हाल ही में हुई एक गोलीबारी में 33 लोगों की जान गई, जिनमें से अधिकांश आम नागरिक थे। इस तनाव को समाप्त करने के लिए, 28 जुलाई को मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में उच्चस्तरीय शांति वार्ता का आयोजन किया जा रहा है।
उच्चस्तरीय वार्ता में शामिल नेता
इस वार्ता में थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई और कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट भाग लेंगे। मलेशिया, जो वर्तमान में आसियान (ASEAN) का अध्यक्ष है, इस बैठक की मेज़बानी और मध्यस्थता कर रहा है।
ASEAN की पहल से वार्ता की शुरुआत
मलेशिया ने आसियान की अध्यक्षता के तहत इस वार्ता की पहल की है। उसने दोनों देशों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है ताकि सीमा विवाद का शांतिपूर्ण समाधान निकाला जा सके। मलेशियाई अधिकारियों का कहना है कि यह बैठक क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
संघर्ष में आम नागरिकों की मौत
हालिया संघर्ष में 33 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से अधिकांश आम नागरिक थे, जो सीमा क्षेत्र में फंसे हुए थे। स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, दोनों देशों की सेनाओं ने एक-दूसरे पर पहले हमले का आरोप लगाया है, जिससे तनाव और बढ़ गया है।
डोनाल्ड ट्रम्प की प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी अपनी राय व्यक्त की है। रविवार को यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन से मुलाकात के दौरान, ट्रम्प ने कहा, "थाईलैंड और कंबोडिया के बीच का संघर्ष सुलझाना मेरे लिए आसान काम है। मैंने पहले भी भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को सफलतापूर्वक खत्म किया है।" उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने दोनों देशों के नेताओं को चेतावनी दी है कि अगर युद्ध नहीं रुका, तो अमेरिका उनके साथ कोई व्यापारिक समझौता नहीं करेगा।
ट्रम्प की चेतावनी के बावजूद संघर्ष जारी
हालांकि ट्रम्प के हस्तक्षेप के बाद भी रविवार सुबह दोनों देशों के बीच संघर्ष जारी रहा। रिपोर्टों के अनुसार, थाईलैंड और कंबोडिया ने एक-दूसरे पर तोपों से हमला करने का आरोप लगाया। इससे स्पष्ट है कि वार्ता से पहले भी तनाव चरम पर है।
शनिवार को ट्रम्प ने दावा किया था कि उनकी बातचीत के बाद थाईलैंड और कंबोडिया दोनों ने सीजफायर वार्ता पर तुरंत सहमति जताई थी। उन्होंने कहा, "यह संघर्ष मुझे भारत-पाकिस्तान के उस दौर की याद दिलाता है, जब हम शांति बहाली में सफल हुए थे."