दहेज के लिए शादी में हुआ अपमान: एक दर्दनाक घटना
शादी का माहौल अचानक बदल गया
जहां एक ओर शादी का मंडप रोशनी से भरा हुआ था और ढोल-नगाड़ों की गूंज से पूरा गांव खुश था, वहीं कुछ घंटों बाद उसी मंडप में चुप्पी और आँसुओं का साया छा गया। यह शादी दहेज की मांग के कारण एक लड़की के सपनों का अंत बन गई और समाज के लिए एक गंभीर सवाल खड़ा कर दिया। यह घटना झुंझुनू जिले के गुढ़ागौड़जी थाना क्षेत्र के एक छोटे से गांव की है, जहां शनिवार रात एक साधारण लेकिन खूबसूरत विवाह समारोह चल रहा था।दुल्हन, जो एक निजी स्कूल में शिक्षिका है, और दूल्हा नीतीश, जो एक प्राइवेट इंश्योरेंस कंपनी में कार्यरत है, की सगाई तीन महीने पहले पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ हुई थी। दुल्हन के पिता, जो वर्षों से कपड़ों की सिलाई कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं, ने अपनी बेटी की शादी के लिए हर संभव प्रयास किया था। उन्होंने घर को रंगोलियों और रोशनी से सजाया था। रिश्तेदार और गांव के लोग इस शुभ अवसर पर उपस्थित थे।
जयमाला की रस्म पूरी होने के बाद, दूल्हा नीतीश ने मंडप में बैठने से इनकार कर दिया। जब लोगों ने कारण पूछा, तो उसने दहेज में फॉर्च्यूनर कार की मांग रखी। दुल्हन के पिता, जो अपनी बेटी की विदाई के सपनों में खोए हुए थे, उसके पैरों में गिर पड़े और कहा, "हमारे पास इतनी हैसियत नहीं है... जो बन पड़ा, वो दे दिया। अब तुम हमारी इज्जत पर रहम करो..." लेकिन नीतीश ने कोई ध्यान नहीं दिया और गुस्से में वहां से चला गया, पीछे छोड़ गया एक बेसुध बेटी और अपमानित परिवार।