दहेज प्रथा का एक और दिल दहला देने वाला मामला: महिला को आग के हवाले किया गया
दहेज प्रथा की क्रूरता का नया उदाहरण
उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में दहेज प्रथा की एक और भयावह घटना सामने आई है। 28 वर्षीय निक्की भाटी को उसके ससुराल वालों ने 36 लाख रुपये की मांग पूरी न होने पर आग में झोंक दिया। इस दर्दनाक घटना का गवाह उसका सात साल का बेटा बना, जो अब अपने दादा-दादी के साथ रह रहा है। बच्चा लगातार अपनी मां की मौत के बारे में बात करता है और कहता है कि उसके पिता और दादी ने उसकी मां को आग लगा दी।
बच्चे की पीड़ा
निक्की का बेटा हर शाम अपनी मां को याद कर रोता है। वह कहता है कि उसने अपनी मां को जलते हुए देखा। पीड़िता के पिता, भिखारी सिंह, ने बताया कि उनका पोता अक्सर कहता है, 'उन्होंने मेरी मां को जला दिया।' यह मासूम हर रात डर और सदमे में सोता है। परिवार के लोग उसे संभालने की कोशिश करते हैं, लेकिन वह अपनी मां के बिना टूट चुका है।
बहन के गंभीर आरोप
निक्की की बड़ी बहन कंचन ने भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उसने कहा कि उसने अपनी आंखों से निक्की को जलते हुए देखा। कंचन के अनुसार, जब निक्की 36 लाख रुपये दहेज में नहीं ला सकी, तो उसके पति विपिन और सास दया ने उसे जलाकर मार डाला। कंचन ने यह भी बताया कि ससुराल वालों ने उस पर भी कई बार दहेज के लिए अत्याचार किया है।
परिवार की आर्थिक स्थिति
निक्की और कंचन का विवाह जिस परिवार में हुआ था, वहां पति विपिन और रोहित बेरोजगार थे और अपने पिता की छोटी किराने की दुकान पर निर्भर रहते थे। निक्की और कंचन ने आत्मनिर्भर बनने के लिए ब्यूटी सैलून और बुटीक खोला, लेकिन परिवार के पुरुष उनकी कमाई से चोरी करने लगे। इसी कारण घर में अक्सर विवाद होते थे।
घटना का विवरण और गिरफ्तारी
घटना के दिन, गुरुवार की शाम, निक्की और उसके पति विपिन के बीच बहस हुई। गुस्से में विपिन ने पहले उसे पीटा और फिर अपनी मां दया की मदद से आग लगा दी। निक्की के ससुराल वाले उसे अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि उसके शरीर का 70 प्रतिशत हिस्सा जल चुका था। कुछ ही समय बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस ने पति विपिन, देवर रोहित, सास दया और ससुर सत्यवीर को गिरफ्तार कर लिया है।