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दिल्ली-NCR में End of Life Vehicle नियम: जानें क्या हैं विकल्प

दिल्ली-NCR में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए End of Life Vehicle (EOLV) नियम लागू किए गए हैं। ये नियम पुराने वाहनों के लिए हैं, जो अब सड़कों पर चलाने के लिए अवैध हैं। जानें कि ऐसे वाहनों के साथ क्या किया जाएगा और यदि आप अपने पुराने वाहन को चलाना चाहते हैं, तो आपके पास क्या विकल्प हैं।
 

दिल्ली-NCR में प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त नियम

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने End of Life Vehicle (EOLV) नियमों को सख्ती से लागू किया है। ऐसे वाहन जो अपनी निर्धारित उम्र पार कर चुके हैं, उन्हें अब सड़कों पर चलाना प्रतिबंधित है। आइए जानते हैं इन वाहनों से संबंधित नियम और उपलब्ध विकल्प क्या हैं।


End of Life Vehicle क्या है?

End of Life Vehicle का मतलब है ऐसा वाहन जो निर्धारित समय सीमा से अधिक पुराना हो चुका है और अब इसे सड़क पर चलाना अवैध है। एनसीआर में:
  • पेट्रोल वाहन: 15 साल से अधिक पुराने
  • डीजल वाहन: 10 साल से अधिक पुराने
इन वाहनों को दिल्ली-एनसीआर में चलाने की अनुमति नहीं है, भले ही उनका बीमा या फिटनेस प्रमाणपत्र वैध हो।


पुराने वाहनों के साथ क्या होगा?

ऐसे पुराने वाहनों को:
  • जब्त किया जा सकता है
  • भारी जुर्माना लगाया जा सकता है
  • स्क्रैपिंग के लिए भेजा जा सकता है


यदि चलाना है तो क्या विकल्प हैं?

यदि कोई व्यक्ति अपने पुराने वाहन को एनसीआर में उपयोग करना चाहता है, तो उसके पास निम्नलिखित विकल्प हो सकते हैं:
  1. रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर: वाहन को किसी ऐसे राज्य में ट्रांसफर करें जहां ये नियम लागू नहीं हैं। इसके लिए NOC लेना आवश्यक है।
  2. रिट्रोफिटिंग / इलेक्ट्रिक कन्वर्जन: कुछ पुराने वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन में बदला जा सकता है, लेकिन यह प्रक्रिया महंगी और तकनीकी है।
  3. स्क्रैपिंग के बदले सब्सिडी: सरकार स्क्रैपिंग नीति के तहत नए वाहन पर छूट देती है।
  4. पब्लिक ट्रांसपोर्ट: एनसीआर में मेट्रो, बस और ई-रिक्शा जैसे विकल्प पहले से उपलब्ध हैं।