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दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा को बड़ा झटका, कांग्रेस ने जीती सीटें

दिल्ली नगर निगम चुनाव के परिणामों ने भाजपा को एक बड़ा झटका दिया है, जहां उसने दो सीटें खो दी हैं। कांग्रेस ने संगम विहार की सीट पर जीत हासिल की है, जो आम आदमी पार्टी के लिए चिंता का विषय है। जानें इस चुनाव के नतीजों का विस्तृत विश्लेषण और इसके पीछे के कारण।
 

दिल्ली में चुनाव परिणामों का असर

दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) दोनों को चुनाव परिणामों से एक महत्वपूर्ण सबक मिला है। भले ही यह चुनाव बड़ा न हो, लेकिन दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की 12 सीटों के नतीजों ने स्पष्ट संदेश दिया है। भाजपा को दिल्ली के मतदाताओं ने एक बड़ा झटका दिया है, क्योंकि वह पहले से जीती हुई नौ में से दो सीटें हार गई है। एक सीट पर आम आदमी पार्टी ने भाजपा को हराया, जबकि दूसरी सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की।


हालांकि भाजपा के नेता यह दावा कर रहे हैं कि उनका वोट प्रतिशत बढ़ा है, लेकिन दो सीटें हारने का नुकसान इससे नहीं भर सकता। ऐसा प्रतीत होता है कि महिला सम्मान योजना के तहत पैसे का न मिलना, मोहल्ला क्लीनिक से लोगों की छंटनी, बस मार्शल को स्थायी न करने और प्रदूषण के मुद्दों ने भाजपा को नुकसान पहुंचाया है।


कांग्रेस की जीत और आम आदमी पार्टी को झटका

कांग्रेस ने संगम विहार की सीट पर जीत हासिल की है, जो कि एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है। यह सीट कांग्रेस ने भाजपा से छीनी है, लेकिन भाजपा से नाराज मतदाता आम आदमी पार्टी की ओर नहीं गए, बल्कि कांग्रेस का समर्थन किया।


आप को दूसरा झटका चांदनी महल सीट पर लगा है, जहां पार्टी के पूर्व सदस्य शुएब इकबाल ने अपनी रिश्तेदार को ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक की टिकट पर जीत दिलाई। भाजपा वहां दूसरे स्थान पर रही। इसका मतलब यह है कि मुसलमानों के बीच आम आदमी पार्टी के प्रति सकारात्मकता की कमी है।