दिल्ली पुलिस ने चैतन्यानंद सरस्वती को यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया
चैतन्यानंद सरस्वती की गिरफ्तारी
चैतन्यानंद सरस्वती की गिरफ्तारी: दिल्ली के श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया मैनेजमेंट एंड रिसर्च की छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोपी पार्थसारथी, जिन्हें चैतन्यानंद सरस्वती के नाम से जाना जाता है, को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। चैतन्यानंद आगरा के 'फर्स्ट ताजगंज' होटल में छिपा हुआ था, जहां से उसे पकड़ लिया गया। आरोपी ने यौन उत्पीड़न की शिकायत के बाद भागने का प्रयास किया था। गिरफ्तारी के बाद, पुलिस उसे अदालत में पेश करेगी और रिमांड की मांग कर सकती है।
यह मामला श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट शारदापीठ शृंगेरी से संबंधित है। आरोप है कि चैतन्यानंद ने छात्राओं के साथ अश्लील भाषा का प्रयोग किया, उन्हें अश्लील वॉट्सऐप संदेश भेजे और अवांछित शारीरिक संपर्क किया। शिकायत में यह भी कहा गया है कि कुछ महिला फैकल्टी और प्रशासनिक कर्मचारी छात्राओं पर आरोपी की मांगों को मानने का दबाव डालते थे।
इंस्टीट्यूट के प्रशासक पीए मुरली द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 75(2), 79, 351(2) के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। आरोपी के खिलाफ 4 अगस्त को FIR दर्ज की गई थी। पुलिस ने CCTV फुटेज की जांच भी शुरू कर दी थी। इससे पहले, चैतन्यानंद ने गिरफ्तारी से बचने के लिए दिल्ली की पटियाला हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
चैतन्यानंद के खिलाफ अब तक 5 FIR दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें से 2 पुरानी हैं, एक 2009 और दूसरी 2016 की है। इसके अलावा, दिल्ली पुलिस ने चैतन्यानंद के 8 करोड़ रुपये फ्रीज कर दिए हैं, जो 18 बैंक खातों और 28 एफडी में जमा थे। यह राशि आरोपी द्वारा बनाए गए ट्रस्ट से संबंधित है। 2016 में दर्ज की गई FIR में एक पीड़िता ने आरोप लगाया था कि चैतन्यानंद छात्राओं को कमरे में बंद रखता था। उस समय पीड़िता की उम्र 20-21 वर्ष थी।