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दिल्ली बम धमाके की जांच में संदिग्ध मोबाइल नंबरों की भूमिका

दिल्ली के लाल किले के पास हुए बम धमाके की जांच में 68 संदिग्ध मोबाइल नंबरों की पहचान की गई है। इन नंबरों पर पाकिस्तान और तुर्की से कॉल आई थीं। जांच में यह भी सामने आया है कि इस हमले की योजना बांग्लादेश में बनाई गई थी। जानें इस मामले में और क्या खुलासे हुए हैं और सुरक्षा एजेंसियां किस दिशा में बढ़ रही हैं।
 

पुलिस की जांच पर 68 संदिग्ध मोबाइल नंबरों का प्रभाव


दिल्ली में बम धमाके की जांच में तेजी


दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के निकट हाल ही में हुए बम धमाके ने सुरक्षा एजेंसियों को गंभीर चुनौती दी है। इस हमले में 12 लोगों की जान गई, जिसमें हमलावर भी शामिल था। धमाके के बाद, सुरक्षा बलों ने मामले की जांच में तेजी लाते हुए सभी संभावित कड़ियों को जोड़ने का प्रयास किया है। अब, दिल्ली पुलिस की जांच उन मोबाइल नंबरों पर केंद्रित हो गई है जो धमाके के समय सक्रिय थे।


मोबाइल टॉवर से मिली जानकारी

पुलिस ने बम धमाके की जांच के दौरान कुछ महत्वपूर्ण सुराग प्राप्त किए हैं। सूत्रों के अनुसार, 68 संदिग्ध मोबाइल नंबर सुनहरी बाग पार्किंग और धमाके की जगह पर सक्रिय पाए गए हैं। इन नंबरों पर पाकिस्तान और तुर्की से कॉल आने की जानकारी मिली है। इसके चलते, इन नंबरों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।


धमाके के बाद, पुलिस ने मोबाइल टॉवर से डंप डाटा एकत्र किया, जिससे कई तकनीकी जानकारियां सामने आईं। जांच में यह भी पाया गया कि संदिग्ध नंबरों पर धमाके से पहले असामान्य डेटा-स्पाइक्स दर्ज किए गए थे।


बांग्लादेश में योजना का खुलासा

जांच के दौरान, सुरक्षा एजेंसियों को यह पता चला कि इस धमाके की योजना बांग्लादेश की राजधानी ढाका में बनाई गई थी। सूत्रों के अनुसार, आतंकियों की एक टीम पश्चिमी बंगाल के रास्ते भारत में घुसी थी। यह भी स्पष्ट हुआ है कि इस हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था।


इस बार, योजना पाकिस्तान में नहीं, बल्कि ढाका में बनाई गई थी। सूत्रों के अनुसार, धमाके से पहले बांग्लादेश में एक गुप्त बैठक हुई थी, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर और अन्य आतंकवादी शामिल थे।