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दिल्ली में एयर प्यूरीफायर पर टैक्स में कमी की मांग पर केंद्र का विरोध

दिल्ली में एयर प्यूरीफायर पर GST में कमी की मांग का केंद्र सरकार ने विरोध किया है, जबकि शहर खतरनाक प्रदूषण स्तर का सामना कर रहा है। उच्च न्यायालय में दायर याचिका में टैक्स को 18% से घटाकर 5% करने की मांग की गई थी, ताकि गरीब परिवार भी एयर प्यूरीफायर खरीद सकें। सरकार ने कहा कि टैक्स में बदलाव करना आसान नहीं है और इससे पूरे टैक्स सिस्टम में गड़बड़ी हो सकती है। अदालत ने सरकार को नागरिकों के लिए स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने या एयर प्यूरीफायर को सस्ता बनाने का विकल्प दिया है।
 

दिल्ली में प्रदूषण की गंभीरता


नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने एयर प्यूरीफायर पर टैक्स में कमी की मांग का विरोध किया है, जबकि दिल्ली खतरनाक स्तर के वायु प्रदूषण का सामना कर रही है। यह मामला दिल्ली उच्च न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां एक याचिका में एयर प्यूरीफायर पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) को 18% से घटाकर 5% करने की मांग की गई थी, ताकि अधिक परिवार, विशेषकर गरीब परिवार, इस स्मॉग संकट के दौरान इन्हें खरीद सकें।


सरकार का तर्क

एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने अदालत में कहा कि GST दर में बदलाव करना सरल नहीं है। उन्होंने बताया कि टैक्स दर कई हितधारकों के साथ चर्चा के बाद GST काउंसिल द्वारा निर्धारित की जाती है और इसे अदालत के आदेश से नहीं बदला जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि रिट याचिका के माध्यम से टैक्स में कमी लाने से पूरे टैक्स सिस्टम में गड़बड़ी हो सकती है।


ASG की चेतावनी

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि एयर प्यूरीफायर को अपने आप में चिकित्सा उपकरण नहीं माना जा सकता, जिन पर कम GST लागू होता है। केंद्र के अनुसार, केवल स्वास्थ्य मंत्रालय ही इस वर्गीकरण को निर्धारित कर सकता है। ASG ने चेतावनी दी कि एयर प्यूरीफायर पर टैक्स में कमी से 'पैंडोरा बॉक्स' खुल सकता है, जिससे अन्य उत्पादों के लिए भी इसी तरह की मांगें उठ सकती हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है।


कोर्ट की प्रतिक्रिया

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सरकार के रुख पर कड़ी टिप्पणी की। चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि दिल्ली के वायु प्रदूषण संकट जैसी स्वास्थ्य आपात स्थिति के दौरान, एयर प्यूरीफायर पर GST में कमी लाना सरकार का न्यूनतम कर्तव्य था। अदालत ने केंद्र को स्पष्ट विकल्प दिया कि या तो नागरिकों के लिए स्वच्छ हवा सुनिश्चित करें या एयर प्यूरीफायर को सस्ता बनाएं।


प्यूरीफायर की कीमत

जजों ने बताया कि एयर प्यूरीफायर की कीमत ₹10,000 से ₹15,000 के बीच है, जो कई परिवारों के लिए बहुत महंगा है। उन्होंने पूछा कि टैक्स में कमी क्यों नहीं की जा सकती ताकि गरीब परिवार भी जहरीली हवा से बच सकें। यह याचिका वकील कपिल मदान द्वारा दायर की गई थी, जिन्होंने कहा कि इस मामले का उद्देश्य सरकार पर हमला करना नहीं है। उन्होंने तर्क किया कि मौजूदा टैक्स नियमों ने शायद गलती से एयर प्यूरीफायर को उच्च टैक्स श्रेणी में डाल दिया है।


दिल्ली का प्रदूषण

दिल्ली का वायु प्रदूषण एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा है। वैश्विक आंकड़ों के अनुसार, 2023 में शहर में होने वाली लगभग 15% मौतें प्रदूषित हवा से संबंधित थीं। इसके बावजूद, केंद्र ने कहा है कि इस बात का कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है कि वायु प्रदूषण सीधे मौत का कारण बनता है, इसे कई कारकों में से एक बताया गया है। दिल्ली के कई निवासियों के लिए एयर प्यूरीफायर अब एक आवश्यकता बन गए हैं, न कि केवल एक विलासिता।