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दिल्ली में कार धमाके की जांच: जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मॉड्यूल का खुलासा

दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार धमाके की जांच में जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े एक सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल के बारे में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जांच में पता चला है कि यह मॉड्यूल लंबी दूरी के ड्रोन का उपयोग कर बड़े हमलों की योजना बना रहा था। फरीदाबाद में विस्फोटक की बड़ी खेप की बरामदगी ने इस योजना को विफल कर दिया। जानें इस मामले में और क्या जानकारी सामने आई है और ISI की भूमिका क्या है।
 

जांच में नए खुलासे


नई दिल्ली: दिल्ली के लाल किले के निकट हुए कार बम विस्फोट की जांच में नई जानकारियाँ सामने आई हैं। अब यह स्पष्ट हो रहा है कि जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े एक सफेदपोश आतंकी समूह ने लंबी दूरी के हाई-लोड ड्रोन हासिल करने की योजना बनाई थी, जिनका उपयोग बड़े हमलों के लिए रेडीमेड विस्फोटकों के साथ किया जाना था।


ड्रोन से हमले की योजना

जांच में यह भी सामने आया है कि इस मॉड्यूल में शामिल डॉक्टरों और अन्य आरोपियों को पाकिस्तान से ड्रोन भेजे जाने थे। यह योजना उत्तर भारत में व्यापक तबाही मचाने के इरादे से बनाई गई थी।


फरीदाबाद से मिली महत्वपूर्ण जानकारी

जांच के दौरान 10 नवंबर को हरियाणा के फरीदाबाद में एक किराए के घर से 2,900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किए गए। उसी दिन लाल किले के पास कार धमाका हुआ, जिसमें 14 लोगों की जान गई। यदि फरीदाबाद में विस्फोटक की बड़ी खेप पहले न पकड़ी जाती, तो यह मॉड्यूल अपने ड्रोन हमलों को जल्दी ही अंजाम दे सकता था।


ड्रोन के पुर्जों की चालाकी से भेजने की योजना

रिपोर्ट के अनुसार, ड्रोन के हिस्सों को भारत में भेजने के लिए एक चालाक योजना बनाई गई थी। आरोपी एक भारतीय निर्यात कंपनी के ऑर्डर का उपयोग कर एक इंपोर्ट कंपनी के माध्यम से ड्रोन के पुर्जे मंगवाने वाले थे, जिससे शिपमेंट पूरी तरह वैध प्रतीत होता। यह दर्शाता है कि मॉड्यूल को तकनीकी और लॉजिस्टिक सहायता मिल रही थी।


200 बम विस्फोट की योजना

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह मॉड्यूल एक साथ 200 बम विस्फोट करने की योजना बना रहा था, जिसका लक्ष्य दिल्ली और उत्तर भारत के प्रमुख शहरों में भारी तबाही मचाना था। इस योजना के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की सीधी संलिप्तता बताई जा रही है।


ISI की संलिप्तता का संकेत

जांचकर्ताओं का मानना है कि मॉड्यूल की कार्यशैली और तकनीकी क्षमताएँ यह दर्शाती हैं कि ISI इस नेटवर्क को न केवल मार्गदर्शन दे रही थी, बल्कि इसे एक बड़े आतंकी प्रोजेक्ट के रूप में संचालित कर रही थी। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और एजेंसियाँ अन्य संभावित सदस्यों और पाकिस्तानी हैंडलरों की पहचान में जुटी हुई हैं।